चार साल में अनाज उठाव में हुई

डोर-टू-डोर स्टेप डिलीवरी योजना कारगर, लोगों को समय पर मिल रहा है अनाज पटना : राशन दुकानों से लोगों को अनाज वितरण की सुदृढ़ व्यवस्था से पिछले चाल साल में अनाज उठाव में दोगुनी वृद्धि हुई है. अनाज वितरण में डोर-टू-डोर स्टेप डिलीवरी की योजना कारगर होने से लोगों को समय पर अनाज मिल रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2018 8:36 AM
डोर-टू-डोर स्टेप डिलीवरी योजना कारगर, लोगों को समय पर मिल रहा है अनाज
पटना : राशन दुकानों से लोगों को अनाज वितरण की सुदृढ़ व्यवस्था से पिछले चाल साल में अनाज उठाव में दोगुनी वृद्धि हुई है. अनाज वितरण में डोर-टू-डोर स्टेप डिलीवरी की योजना कारगर होने से लोगों को समय पर अनाज मिल रहा है. खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग समय पर अनाज का उठाव कर राशन दुकानों तक इसे पहुंचाने में सफल रहा है.
इसका परिणाम है कि वर्ष 2013-14 में गेहूं व चावल का उठाव लगभग 24 हजार टन था. वह इस साल तक बढ़ कर लगभग 52 हजार टन हो गया है. पिछले चार साल का आकलन करने पर गेहूं व चावल दोनों का उठाव लगभग शत-प्रतिशत रहा है. राष्ट्रीय खाद्यसुरक्षा अधिनियम के तहत लाभुक परिवारों को समय से अनाज वितरण करना जरूरी है. इसके लिए लगभग बीस दिन पहले ही एफसीआई से अनाज उठाव कर लेने की बात कही जाती है. हालांकि, एफसीआई से अनाज उठाव का समय एक माह पहले कर लेने को कहा जाता है. राशन दुकानदारों द्वारा अनाज उठाव करने के लिए राशि विलंब से जमा करने के कारण ही कभी-कभी देरी हो जाती है.
लाभुकों की परेशानी हुई है दूर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन दुकानों से लाभुकों को वितरण होनेवाले अनाज के उठाव में दोगुनी वृद्धि हुई है. वर्ष 2013-14 में गेंहू 10़ 6 हजार टन, चावल 13़ 4 हजार टन था. वहीं, 17- 18 में गेंहू 21 हजार टन व चावल 31 हजार टन हो गया है. सरकार की डोर-टू-डोर स्टेप डिलीवरी से लाभुकों को अनाज वितरण में सहुलियत हुई है.
राज्य में लगभग 42 हजार राशन दुकानदार हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगभग सात करोड़ लोगों को सस्ती दर पर अनाज मुहैया कराया जाता है. राशन दुकानदारों को प्रत्येक माह के बीस तारीख तक लाभुकों को अनाज मुहैया करा देना है. अधिसूचना के तहत अंत्योदय योजना में प्रत्येक परिवार को 21 किलो चावल व 14 किलो गेहूं मिलता है. प्राथमिकता प्राप्त परिवार के प्रत्येक सदस्य को पांच किलो अनाज दिया जाता है.

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