JDU की चुनाव आयोग से मांग, राज्यसभा में शरद यादव की रिक्त हुई सीट पर जल्द हो उपचुनाव

नयी दिल्ली : जदयू ने राज्यसभा की सदस्यता से शरद यादव को अयोग्य ठहराये जाने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर जल्द उपचुनाव कराने की चुनाव आयोग से मांग की है. राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह की अगुवाई में पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां चुनाव आयोग को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2018 9:44 PM
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नयी दिल्ली : जदयू ने राज्यसभा की सदस्यता से शरद यादव को अयोग्य ठहराये जाने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर जल्द उपचुनाव कराने की चुनाव आयोग से मांग की है. राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह की अगुवाई में पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां चुनाव आयोग को बताया कि आगामी चार जून को इस सीट को रिक्त हुये छह महीने पूरे हो जायेंगे. शरद यादव की सदस्यता को खारिज करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस सीट पर उपचुनाव कराने पर रोक नहीं लगायी है. ऐसे में आयोग को इस सीट पर समय रहते उपचुनाव कराना चाहिए.

आरसीपी सिंह के साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल जदयू नेता केसी त्यागी और संजय झा द्वारा आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है, राज्यसभा की रिक्त हुई सीट पर छह महीने के भीतर चुनाव कराना आयोग का विधिक दायित्व है. उल्लेखनीय है कि यादव को जदयू से बागी होने के कारण पार्टी से निकाले जाने के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें उच्च सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था.शरद यादव जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन को तोड़कर भाजपा की अगुवाई वाले राजग का हिस्सा बनने के फैसले का विरोध कर रहे थे। झा ने बताया कि राज्यसभा में बिहार का प्रतिनिधितत्व करने वाली सीट गत वर्ष चार दिसंबर को खाली हुई थी.

नियमानुसार आगामी छह जून को सीट रिक्त होने की छह महीने की अवधि पूरी होने से पहले उपचुनाव कराना अनिवार्य है. झा ने बताया कि उच्च अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में यादव को वेतन भत्ते आदि का भुगतान जारी रखने को कहा था, लेकिन उन्हें अयोग्य ठहराने के फैसले पर रोक नहीं लगायी है. ऐसे में रिक्त सीट पर छह महीने से पहले उपचुनाव कराने की अनिवार्यता को देखते हुए पार्टी ने आयोग से अब चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि आयोग ने मामले के सभी पहलुओं और तथ्यों पर विचार कर जल्द इस बारे में फैसला करने का आश्वासन दिया है.

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