बिहार : तेजप्रताप की ‘शहनाई’ से निकलेगी 2019 की सियासत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे सफल दांपत्य का आशीष

लालू का पेरोल पर आना राजद ही नहीं भाजपा विरोधी दलों के लिए भी ‘ पावर टाॅनिक ‘ पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सरकारी रिकाॅर्ड में भले ही बेटे तेजप्रताप की शादी में शामिल होने के लिये पेरोल पर आ रहे है, सियासी नजर से देखें तो इसका असर व्यापक है. बिहार की सियासत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2018 6:23 AM
लालू का पेरोल पर आना राजद ही नहीं भाजपा विरोधी दलों के लिए भी ‘ पावर टाॅनिक ‘
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सरकारी रिकाॅर्ड में भले ही बेटे तेजप्रताप की शादी में शामिल होने के लिये पेरोल पर आ रहे है, सियासी नजर से देखें तो इसका असर व्यापक है.
बिहार की सियासत के मुख्य बिंदु 10 सर्कुलर रोड में आज से 14 मई तक तेज प्रताप के विवाह की विभिन्न रस्मों के बीच शहनाई की स्वर लहरी ही नहीं सियासत भी गुंजायमान होगी. लोकसभा चुनाव की रणनीति की नींव इन्हीं चार दिनों में रखी भी जायेगी और कुछ वक्त के लिए ढाकी भी जायेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को बेटे की शादी के लिए जितने दिन की पेरोल मिलेगी वही वक्त होगा कि वह अपनी और पार्टी की सियासत को ऊंचा करने के लिए असरकारी चाल चल दें. इससे बेहतर मौका फिर शायद ही उनके हाथ लगे. बेटे की शादी की मेहमानों की सूची में वह लोग हैं जो
भाजपा और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ लामबंद होने का गुणा भाग लगा रहे हैं. प्रीतिभोज में पूरे देश के वे राजनीतिक पुरोधा जुटेंगे, जो एनडीए विरोधी खेमा के अपने-अपने क्षेत्र में क्षत्रप हैं.
लालू प्रसाद इसी खेमा को ऐसा पाठ पढ़ाने की तैयारी कर चुके हैं कि 2019 में भाजपा और उसके सहयोगी धूल में मिल जाएं.यही नहीं लालू प्रसाद और उनकी पार्टी के अन्य रणनीतिकार इस शादी में मेहमान बनकर आनेवाले उन भाजपाइयों, लोजपा और जदयू के नेताओं के कानों में कूक करेंगे जो चुनाव की डुगडुगी बजने के बाद ‘निज हित’ प्रभावित होने पर राजद के दोस्त साबित हो सकते हैं.
खुशी मनाने के इंतजार में बैठे कार्यकर्ता मायूस
राजद कार्यकर्ताओं में बुधवार को उस समय निराशा छा गयी जब खबर मिली कि लालू प्रसाद को बुधवार को पेरोल न मिल पाने के कारण आ नहीं पा रहे हैं. कार्यकर्ता रांची फोन करके पल-पल की खबर ले रहे थे.
शाम 6:00 बजे तक कार्यकर्ताओं को आशा थी कि वह पटना आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे, प्रधान महासचिव आलोक मेहता आदि के नेतृत्व में प्रदेश कार्यालय पर लालू के पटना आते ही खुशी मनाने की तैयारियां हो चुकी थीं. चितरंजन गगन, भाई अरुण कुमार, अर्जुन यादव सत्येंद्र पासवान रामबली चंद्रवंशी, उपेंद्र चंद्रवंशी खुर्शीद आलम सिद्दीकी, अशोक यादव कहना था कि रघुवर सरकार की उदासीनता के कारण लालू बुधवार को बाहर नहीं आ सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेज प्रताप को देंगे सफल दांपत्य का आशीष तो उसके भी निकलेंगे सियासी मायने
पटना : सूबे की राजनीति का एक बड़े घराने में इन दिनों शादी के मंगल गीत गाये जा रहे हैं , शहनाई बज रही है वहीं दूसरी तरफ सियासी हलके में चर्चा है कि कहीं इस शादी राजनैतिक भांगड़े की पटकथा भी न लिखी जाए. चर्चाओं पर यकीन किया जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लालू प्रसाद के बड़े बेटे को सफल दांपत्य जीवन का आशीष देने उनके घर आ सकते हैं.
वैसे प्रधानमंत्री के आगमन की कोई सरकारी सूचना नहीं है . चर्चा है कि जिस तरह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के यहां एक शादी समारोह में अचानक पहुंच गये थे. उसी तरह नमो पहुंच सकते हैं.
प्रधानमंत्री 11 मई को दो दिवसीय दौरे पर नेपाल जा रहें है. वे जनकपुर जायेंगे. चर्चा है कि वे 12 मई को जनकपुर से वापसी के क्रम में पटना पहुंचकर तेजप्रताप को सफल जीवन का आर्शीवाद दे सकते हैं. प्रधानमंत्री शादी समारोह स्थल पर न जाकर लालू प्रसाद के घर जायेंगे. भले ही कार्यक्रम निजी हो लेकिन जब दो सियासी लोग मिलेंगे तो सियासी हलचल होगी ही.
राजनीति के जानकार बताते हैं कि जिस तरह सूबे की राजनीति में जिस तरह से उतार- चढ़ाव चल रहा है उससे इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता कि अगर पीएम आते हैं तो उसकी सियासी मायने भी निकलेंगे. वैसे देश की राजनीति की खुबसूरती यह है कि सुख-दुख को मौके पर सियासत नहीं होती है. प्रधानमंत्री पहले भी लालू प्रसाद की बेटी की शादी में शामिल हुए थे. हालांकि सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि प्रधानमंत्री आते हैं कि नहीं .

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