बिहार : सीएम ने ट्रेनी आईएएस अफसरों को दिये टिप्स, कहा, कुछ ऐसा काम करें कि आपके प्रति सम्मान का भाव पैदा हो

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भारतीय प्रशासनिक सेवा 2016 के नौ और भारतीय वन सेवा 2016 के पांच ट्रेनी अधिकारियों ने बुधवार को शिष्टाचार मुलाकात की. एक अणे मार्ग के नेक संवाद में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों से कहा कि आपके अच्छा काम करने से दूसरों को अच्छा तो लगेगा ही, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2018 6:50 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भारतीय प्रशासनिक सेवा 2016 के नौ और भारतीय वन सेवा 2016 के पांच ट्रेनी अधिकारियों ने बुधवार को शिष्टाचार मुलाकात की. एक अणे मार्ग के नेक संवाद में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों से कहा कि आपके अच्छा काम करने से दूसरों को अच्छा तो लगेगा ही, अपने मन में भी संतोष का भाव उत्पन्न होगा. जीवन में जितना दिन मौका मिलता है कि कुछ ऐसा काम करें कि लोगों के मन में आपके प्रति प्यार और सम्मान का भाव पैदा हो.
उन्होंने बताया कि बिहार में प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में अनेक काम किये गये हैं. 2006 में ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम’ शुरू किया गया. 2011 में लोक सेवा का अधिकार कानून लाया गया. लोगों की शिकायतों के समयबद्ध निबटारे के लिए पांच जून, 2016 से लोक शिकायत निवारण अधिनियम कानून लाया गया.
इसमें आरटीआई, लोक सेवा का अधिकार कानून (कोर्ट केस को छोड़कर) से सभी शिकायतों का समाधान होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में भूमि संबंधी विवाद भी एक बहुत बड़ी समस्या है. बिहार पहला ऐसा राज्य है, जहां एरियल सर्वे कराया जा रहा है और जमीनी स्तर पर उसका वेरिफिकेशन किया जायेगा. नया सर्वे सेटलमेंट का काम पूरा होने के बाद बहुत हद तक जमीन संबंधित विवाद का निबटारा हो जायेगा. राज्य की स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है.
सात निश्चय पर काम किया जा रहा है. एक निश्चय के रूप में राज्य सरकार की सभी सेवाओं में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया. सीएम ने कहा कि जब मैंने काम संभाला था, तब 12.5% बच्चे स्कूल से बाहर थे, अब उनकी संख्या एक प्रतिशत से भी कम है. सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. राज्य में रुल अॉफ लॉ है.
प्रशासकों के लिए आइडिया का इंपिलमेंटेशन काफी मायने रखता है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों के प्रति कमिटमेंट काफी महत्वपूर्ण होता है. प्रशासक अच्छा काम करता है तो लोग उसे वर्षों याद करते हैं. प्रशासनिक जिम्मेदारी तो है ही, लेकिन इसके साथ-साथ मानवीय संवेदना भी जरूरी है.
समाज में आपसी सद्भाव का माहौल रहना चाहिए. विचार अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन एक दूसरे के प्रति सम्मान बनाये रखना बुनियादी बात है. भारतीय वन सेवा के ट्रेनी अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने बताया कि बंटवारे के बाद बिहार में वन क्षेत्र नौ प्रतिशत से भी नीचे रह गया. सरकार ने 17 प्रतिशत ग्रीन कवर करना तय किया. एग्रो फॉरेस्ट्री, रोड के किनारे वृक्ष लगाये जा रहे हैं. 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 18.43 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं. शहरों में काफी पार्क बनाये गये. राजधानी वाटिका को काफी सुंदर बनाया गया है. वाल्मीकिनगर पर्यटन का केंद्र बनने जा रहा है. राजगीर में जू सफारी और ग्रीन सफारी बनाया जा रहा है.
इस अवसर पर बिपार्ड के महानिदेशक शशि शेखर शर्मा, गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारि शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक सह मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव अनुपम कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीके शुक्ला, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे.
श्रमिकों के सर्वे के लिए हो राज्य विशेष पैरामीटर : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि श्रमिकों के सर्वे के लिए स्टेट स्पेसिफिक पैरामीटर होना चाहिए. बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है.
यहां ज्यादातर लोग असंगठित सेक्टर से जुड़े हुए हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ‘द ड्राफ्ट लेबर कोड अॉन सोशल सिक्युरिटी–2018’ के विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन कर राज्य के संदर्भ में इसे लागू करने के लिए जो उपयुक्त सलाह हो, उसे केंद्र को भेजें. सीएम के समक्ष बुधवार को एक अणे मार्ग स्थित विमर्श में ‘द ड्राफ्ट लेबर कोड अ‚न सोशल सिक्युरिटी–2018’ पर श्रम संसाधान विभाग की ओर से विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया. श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने मुख्यमंत्री के समक्ष ‘‘द ड्राफ्ट लेबर कोड अॉन सोशल सिक्युरिटी–2018’’ के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक बातें रखीं.
उन्होंने बताया कि देश में श्रमिकों के लिए एकीकृत सामाजिक सुरक्षा कोड बनाया जा रहा है. अभी 15 सुरक्षा कोड हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धांतत: यह अच्छी अवधारणा है, ब्राड आइडिया है. इससे वर्कर्स को फायदा मिलेगा. इसेे ठीक से लागू करने के लिए व्यावहारिक प्रणाली बनाने की जरूरत है.
प्रस्तुतीकरण के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, वित्त विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिवअतुल प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह और श्रम संसाधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी भी मौजूद थे.

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