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बिहार : बिल्डर्स से रू-ब-रू हुए रेरा के अध्यक्ष, माना, वेबसाइट में कमियों से रेरा के संचालन में परेशानी

पटना : रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) चेयरमैन अफजल अमानुल्लाह ने स्वीकार किया है कि वेबसाइट की कमियों से रेरा के संचालन में दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि सूचनाओं से लैस अपडेट वेबसाइट के निर्माण के लिए राज्य सरकार को लिखा गया है. तीन से चार महीने में कंसल्टेंट सहित वेबसाइट की परेशानी […]

पटना : रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) चेयरमैन अफजल अमानुल्लाह ने स्वीकार किया है कि वेबसाइट की कमियों से रेरा के संचालन में दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि सूचनाओं से लैस अपडेट वेबसाइट के निर्माण के लिए राज्य सरकार को लिखा गया है. तीन से चार महीने में कंसल्टेंट सहित वेबसाइट की परेशानी दूर कर ऐसा इंतजाम किया जायेगा कि डेवलपरों को किसी काम के लिए ऑफिस का चक्कर न लगाना पड़े.

अमानुल्लाह ने कहा कि हमारी सोच किसी को दिक्कत करने की नहीं, लेकिन अपेक्षा भी है कि ग्राहक से जो वादा करें, उससे न भटकें. रेरा का उद्देश्य सिर्फ रेगुलेशन नहीं, रियल एस्टेट डेवलपमेंट भी है. आपके हर एक सुझाव पर गंभीरता से विचार किया जायेगा. वे गुरुवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स सभागार में बिल्डर्स व व्यवसाय प्रतिनिधियों से रू-ब-रू हो रहे थे.

एक्ट की पहली लाइन-ग्राहकों का विश्वास बनाये रखें

रेरा के सदस्य राजीव भूषण सिन्हा ने कहा कि रेरा गठन का उद्देश्य ही ग्राहकों का विश्वास बनाये रखना है. एक्ट की पहली लाइन ही यह बताती है. गठन के बाद ई-मेल के माध्यम से बड़ी संख्या में डेवपलर्स को लेकर शिकायतें आ रही हैं.

बिहार में रियल एस्टेट सेक्टर को डेवलप करने में आपका सहयोग जरूरी है. किसी भी बिंदु पर संदेह या सलाह हो तो लिखित दें, जरूर विचार होगा. दूसरे सदस्य सुबोध कुमार सहाय ने रेरा में किये गये आवेदनों की गड़बड़ी पर ध्यान आकृष्ट कराया.

उन्होंने कहा कि आवेदन में बड़ी संख्या में त्रुटियों के चलते जांच में विलंब हो रहा है. इसकी वजह से अब तक मिले 350 से अधिक आवेदनों में 80 की ही स्क्रूटनी हो सकी है, जिनमें 15 ही पास हो सके. मैन पावर की कमी के चलते जांच में विलंब हो रहा है. कार्यक्रम का संचालन बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रांतीय अध्यक्ष भवेश कुमार ने किया. इस मौके पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन ओपी साह सहित बड़ी संख्या में बिल्डर्स मौजूद रहे.

बिल्डरों के प्रमुख सुझाव

– हार्ड कॉपी जमा कराने की व्यवस्था बंद हो. ई-मेल से ही कागजात जमा कराने व इसके अप्रूवल की व्यवस्था हो. 30 दिनों में आपत्ति नहीं मिलने पर प्रोजेक्ट अप्रूव माना जाये.

भवेश कुमार, चेयरमैन, बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, बिहार

– रेरा क्लास मॉनीटर नहीं, स्टूडेंट काउंसिल के तौर पर काम करे. इसके नियमों में आपसी विरोधाभास के चलते प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पा रहा. ऑक्यूपेंसी व इंकम्बेंस सर्टिफिकेट नियमों को लेकर तकनीकी परेशानी आ रही है.

मणिकांत, उपाध्यक्ष, बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया.

– रेरा में सिंगल विंडो सिस्टम बहुत आवश्यक है. बिहार में निवेश कैसे बढ़े, इस पर भी रेरा काम करे.

सत्यजीत सिंह, अध्यक्ष, पीएचडी, चेंबर ऑफ कॉमर्स.

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