पटना : भाजपा के असंतुष्ट सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में आक्रामक रुख से अप्रसन्नता जताते हुए मशविरा देने का प्रयास किया है. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम गया है. अक्सर पार्टी से अलग रुख अपनानेवाले सिन्हा ने कई ट्वीट किये. उन्होंने ट्वीट में मोदी को टैग किया और कहा कि प्रधानमंत्री बनने से ‘‘कोई बुद्धिमान नहीं बन जाता.’
Sir. Today, the election campaign will come to an end. Regardless of Dhan Shakti..ultimately Jan Shakti prevails. Even though I am uninvited, like in other states…from Bihar to UP to Gujarat as a star campaigner, for reasons best known to all of us, I shall humbly suggest..1>2
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) May 10, 2018
…as an old friend, colleague & still a well-wisher, supporter & member of the party..Let's not cross limits. Let's not get personal. Issues should be conveyed in most beautiful way, keeping decorum. Maryada & Garima of honourable PM must be kept intact..@narendramodi@AmitShah
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) May 10, 2018
Why do we come with odd & ridiculous definitions…like PPP for INC (Pondicherry, Punjab & Pariwar). Results will be announced on 15th. Anything can happen. Being PM does not make anyone the wisest in the country….for being PM requires no qualification…only majority..!2>3
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) May 10, 2018
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमान, चुनाव प्रचार थम जायेगा. धन शक्ति के बावजूद जन शक्ति प्रबल होगी.’ उन्होंने मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दोनों को टैग करते हुए लिखा, ‘‘यद्यपि मुझे एक स्टार प्रचारक के तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया, जैसे बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात जैसे राज्य में नहीं किया गया. कारण हम सभी को पता है, मैं नम्रतापूर्वक एक पुराने मित्र, शुभचिंतक और पार्टी समर्थक के तौर पर सुझाव देता हूं… हमें सीमा पार नहीं करनी चाहिए. हमें निजी नहीं होना चाहिए. मर्यादा बनाये रखते हुए मुद्दों को रखना चाहिए. माननीय प्रधानमंत्री की मर्यादा और गरिमा बरकरार रहनी चाहिए.’
साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि शंकराचार्य बनने के लिए महती बुद्धिमत्ता, अनुभव और शासन कला की जरूरत होती है. लेकिन, ऐसा क्या होता है कि परिणाम आने के बाद आपका ‘पीपीपी’ ऑफ द पीपुल, बाई द पीपुल, फॉर द पीपुल पॉपुलर पीपुल्स पार्टी के रूप में बदल जाता है.
While for becoming Shankaracharya one requires great wisdom, experience & statesmanship. What happens if your definition changes after results & your PPP becomes "of the People, by the People, for the People", or for that matter, turns into "Popular People's Party" @narendramodi pic.twitter.com/md00rK3LCO
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) May 10, 2018