परंपरागत वोट बैंक के दम पर चुनाव लड़ेगी लोजपा

पटना : लोजपा अपने परंपरागत वोट बैंक के दम पर आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. इस समय लोकसभा में पार्टी के छह सांसद और बिहार विधानसभा में तीन सदस्य हैं. आगामी चुनावों को लेकर पार्टी आलाकमान के आदेश पर राज्य के सभी 11 प्रकोष्ठों के अध्यक्षों ने जनसंपर्क […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2018 5:06 AM

पटना : लोजपा अपने परंपरागत वोट बैंक के दम पर आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. इस समय लोकसभा में पार्टी के छह सांसद और बिहार विधानसभा में तीन सदस्य हैं. आगामी चुनावों को लेकर पार्टी आलाकमान के आदेश पर राज्य के सभी 11 प्रकोष्ठों के अध्यक्षों ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है. सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है और संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर पार्टी काम कर रही है. आईटी प्रकोष्ठ को मजबूत किया जा रहा है.

लोजपा का सबसे बड़ा वोट बैंक दलित हैं. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने चार लोकसभा सीटें जीती. पार्टी ने 2005 में बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा. इसमें कुल 29 सीटों पर जीत मिली. उस चुनाव में किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला और लोजपा ने किसी को समर्थन देने से भी मना कर दिया.
2005 में शुरू हुआ चुनावी सफर : लोजपा के प्रदेश महासचिव और प्रदेश में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल कहते हैं कि साल 2005 में सरकार बनाने के लिए राजद ने पार्टी का समर्थन मांगा. उसने लोजपा से दो डिप्टी सीएम बनाने और अन्य सभी विधायकों को मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया. इस पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने बिहार का मुख्यमंत्री किसी मुसलमान नेता को ही बनाने की शर्त रखी. इसे लेकर राजद और लोजपा में सहमति नहीं बनी. ऐसे में पार्टी में फूट की आशंका प्रबल हो गयी. प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन लगने के बाद उसी साल फिर विधानसभा चुनाव हुए और लोजपा केवल 10 सीटें ही जीत पायी.
लोजपा की सीट में कमी : साल 2010 के विधानसभा चुनाव में लोजपा ने राजद के साथ मिल कर 75 सीटों पर चुनाव लड़ा. इसमें केवल तीन सीट पर जीत मिली. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में लोजपा ने सात सीटों पर किस्मत आजमायी और छह सीटें जीतने में कामयाब रही. इसी तरह साल 2015 में लोजपा ने एनडीए गठबंधन में 42 सीटों के लिए चुनाव लड़ा. इसमें केवल दो सीट पर ही जाती मिली.
धर्मनिरपेक्ष पार्टी है लोजपा : उन्होंने कहा कि लोजपा एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. यह पहली ऐसी पार्टी है जिसने साल 2008 में गांधी मैदान में मुसलमानों की रैली की. इसमें करीब डेढ़ लाख मुसलमान जुटे. पार्टी में सभी जातियों के नेता शामिल हैं.
क्या कहते हैं पार्टी के नेता
लोजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार में पशु व मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार में एनडीए गठबंधन में जदयू के बाद बड़ा वोट बैंक लोजपा का ही है. इसके करीब 99 फीसदी वोटर का वोट एनडीए को मिलेगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एनडीए गठबंधन में लोजपा रहेगी. पिछली बार जितनी सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ा था, उतनी पर इस बार भी लड़ेगी. सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे. प्रचार-प्रसार और लोगों की सुविधा के लिए पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ को भी मजबूत किया जा रहा है.

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