पटना : शिक्षण संस्थाओं में एसेसमेंट सेल जरूरी

पटना : शिक्षा को वस्तुपरक बनाना होगा, जो हमें दुनिया में आत्मनिर्भर बना सके. सभी शिक्षण संस्थानों को सुधार लाने की जरूरत है. भविष्य निर्माण में शिक्षण संस्थान ही बेहतर भूमिका निभाते हैं. छात्र सही दिशा में आगे बढ़े, इसके लिए पूरे शिक्षण संस्थानों को एकजुट होकर सही दिशा में काम करना होगा. पूरे देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2018 5:11 AM
पटना : शिक्षा को वस्तुपरक बनाना होगा, जो हमें दुनिया में आत्मनिर्भर बना सके. सभी शिक्षण संस्थानों को सुधार लाने की जरूरत है. भविष्य निर्माण में शिक्षण संस्थान ही बेहतर भूमिका निभाते हैं. छात्र सही दिशा में आगे बढ़े, इसके लिए पूरे शिक्षण संस्थानों को एकजुट होकर सही दिशा में काम करना होगा. पूरे देश में शिक्षा का एक स्तर होना चाहिए.
एक शिक्षा तथा एक शुल्क प्रणाली होनी चाहिए. नि:शुल्क शिक्षा के युग का अंत होना चाहिए. समाज के पिछड़े, गरीब तबकों के बच्चों के शुल्क के लिए सरकार को अलग से प्रावधान करना चाहिए. प्रत्येक जिले तथा यूनिवर्सिटी में क्वालिटी एसेसमेंट सेल की व्यवस्था होनी चाहिए. यह शैक्षणिक संस्थानों का ग्रेडिंग करें.
परीक्षा में ग्रेडिंग सिस्टम लागू करना चाहिए. शिक्षकों की बहाली में एकजुटता होनी चाहिए. शिक्षकों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन उनके लिए आयोजित परीक्षा के साथ-साथ उस संस्थान के छात्रों की कार्यक्षमता के मूल्यांकन के आधार पर होना चाहिए.
मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए : आज के वैश्विक वातावरण में आधारभूत भौतिक संरचना का पर्याप्त व संतोषजनक होना शैक्षणिक संस्थानों के लिए आवश्यक नहीं, बल्कि एक अनिवार्य शर्त हो गयी है.
इस पर संस्थापक तथा सरकार को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. राज्य में 65 प्रतिशत से अधिक विद्यालय तथा महाविद्यालय ऐसे हैं, जिन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं. आज शारीरिक शिक्षा संबंधी उपकरण व प्रशिक्षक लगभग अधिकांश विद्यालय में नहीं है. स्कूलों में कंप्यूटर हैं, तो प्रशिक्षक नहीं हैं. आज विद्यालय तथा महाविद्यालयों में मानसिक विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है, लेकिन शारीरिक तथा चारित्रिक शिक्षा का लगातार ह्रास हो रहा है.
आज इस दिशा में माता-पिता, शिक्षक, अभिभावक को जिस भूमिका का निर्वहन करना चाहिए. उसका घोर अभाव देखा जा रहा है. हम अपनी परंपरा, मान सम्मान आदि को लगातार भूलते जा रहे हैं, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव वर्तमान में देखने को मिलता है.

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