अब गुम होने का डर नहीं, डिजी लॉकर में सुरक्षित रहेंगे प्रमाणपत्र, ऐसे करें इंस्‍टाल

पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से 10वीं व 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट इस महीने के अंत तक होने की संभावना है. रिजल्ट की घोषणा के बाद मार्कशीट व अन्य प्रमाणपत्रों की हार्ड कॉपी कुछ दिन बाद मिलेगी. इसके अलावा अब उन्हें प्रमाणपत्र गुम होने का भी डर नहीं होगा. यदि डिजी लॉकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2018 6:30 AM
पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से 10वीं व 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट इस महीने के अंत तक होने की संभावना है. रिजल्ट की घोषणा के बाद मार्कशीट व अन्य प्रमाणपत्रों की हार्ड कॉपी कुछ दिन बाद मिलेगी.
इसके अलावा अब उन्हें प्रमाणपत्र गुम होने का भी डर नहीं होगा. यदि डिजी लॉकर एकाउंट हो, तो अपने प्रमाणपत्र को सुरक्षित रखे सकेंगे. इसमें मौजूदा सत्र के अलावा पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तीर्ण विद्यार्थी भी इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे. हालांकि यह सुविधा सीआइएससीई बोर्ड के विद्यार्थियों को भी उपलब्ध है.
डिजी लॉकर की सुविधा आसान : यह सुविधा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को अपना डिजी लॉकर बनाना होगा. डिजी लॉकर (digilocker.gov.in) की सुविधा प्राप्त करना आसान है. इसके लिए मोबाइल नंबर जरूरी है. यूजर नेम व पासवर्ड क्रिएट करने के अलावा एक वन टाइम पासवर्ड के माध्यम से मोबाइल नंबर का सत्यापन किया जायेगा. इस तरह डिजी लॉकर एकाउंट तैयार हो जायेगा.
मोबाइल पर भी उपलब्ध है डिजी लॉकर
डिजी लॉकर एकाउंट बनाने के बाद विद्यार्थी चाहें, तो इसका अतिरिक्त लाभ भी ले सकेंगे. चाहें, तो मोबाइल फोन के गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से डिजी लॉकर एंड्रॉयड एप को डाउनलोड कर सकेंगे. उसके बाद 10 व 12वीं के मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट समेत अन्य प्रमाणपत्र मोबाइल पर भी रख सकते हैं.
यह है डिजी लॉकर : डिजी लॉकर एक ऐसा एप है, जिसमें अपने प्रमाणपत्रों के अलावा अन्य कागजात भी रखे जा सकते हैं. इस तरह अपने प्रमाणपत्रों के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जैसे अन्य कागजात को सॉफ्ट कॉपी के रूप में साथ रखा जा सकता है. जरूरत के अनुसार उसे प्रस्तुत या उसका ऑनलाइन सत्यापन भी कराया जा सकता है.
सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए डिजी लॉकर की सुविधा उपलब्ध है. विद्यार्थियों के लिए यह एक अच्छी सुविधा है, जिसमें प्रमाणपत्रों के गुम होने की चिंता नहीं होती. सत्यापन या कहीं प्रस्तुत करने में भी आसानी होती है. यथासंभव पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तीर्ण विद्यार्थी भी इसका लाभ ले सकते हैं या नहीं, यह देखना होगा.
डॉ राजीव रंजन सिन्हा, प्राचार्य, बल्डविन एकेडमी

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