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मॉनसूनी बारिश में पड़ेगा खलल, मौसम विशेषज्ञ ने बताया आंधी और तेज बारिश से क्यों बचा है बिहार, जानें
मई में बह रहीं नम हवाएं, आगे कर सकती हैं परेशान पटना : अप्रैल के बाद मई में बारिश या ठंडी हवाओं के झोंके जुलाई-अगस्त की माॅनसूनी बारिश में खलल डाल सकते हैं. मौसम विज्ञानियों ने इस तरह की आशंका व्यक्त की है. दरअसल अप्रैल और मई महीने में बिहार में बारिश का ट्रेंड बदला […]
मई में बह रहीं नम हवाएं, आगे कर सकती हैं परेशान
पटना : अप्रैल के बाद मई में बारिश या ठंडी हवाओं के झोंके जुलाई-अगस्त की माॅनसूनी बारिश में खलल डाल सकते हैं. मौसम विज्ञानियों ने इस तरह की आशंका व्यक्त की है. दरअसल अप्रैल और मई महीने में बिहार में बारिश का ट्रेंड बदला है. इस समयावधि में 100-120 एमएम के बीच बारिश पिछले कुछ सालों से यहां देखी जा रही है. प्रदेश में अभी तक इससे कुछ ही कम बारिश हो चुकी है.
यह समर रेन काफी खतरनाक है. हालांकि, इससे खेत और किसान दोनों को नुकसान है. क्योंकि, माॅनसून को आकर्षित करने के लिए जरूरी हीट वातावरण में कम हो जाती है. फिलहाल मई माह जो अक्सर लू की चपेट में रहता था, अभी उससे काफी हद तक बचा हुआ है.
ठंडी हवाओं के चलते अधिकतम तापमान में सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट
विदित हो कि जेठ की तपिश खेतों की उर्वरता बनाये रखने में खास मददगार होती है. वर्तमान मौसमी दशाओं में जहां मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मैदानी इलाके में जहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है.
वहीं, बिहार के मैदानी इलाकों में खासतौर पर पटना में रविवार के दिन अधिकतम तापमान 35.6 (40 डिग्री सेल्सियस से नीचे) डिग्री सेल्सियस के आसपास ठहर गया है. यहां सामान्य से दो डिग्री कम है. पिछले करीब एक हफ्ते से तुलना करें, तो तीन से चार डिग्री कम है. हालांकि, न्यूनतम तापमान 26 डिग्री से अधिक बना हुआ है.
इसके चलते गर्मी के साथ ऊमस लोगों को परेशान कर रही है. अलबत्ता समूचे देश में चल रही मौसमी उठापटक से बिहार अभी नाम मात्र के लिए प्रभावित हुआ है.
ताजातरीन मौसमी पूर्वानुमान बता रहा है कि प्रदेश का कोसी क्षेत्र और तराई के इलाके में थोड़ी बहुत बारिश हाे सकती है. इससे खासतौर पर उत्तरी बिहार का तापमान नियंत्रित रहेगा. जबकि, दक्षिणी बिहार व मध्य बिहार का इलाका तुलनात्मक रूप में अधिक गर्म रहेगा.
मौसम विशेषज्ञ ने बताया आंधी और तेज बारिश से इसलिए बचा है बिहार
मौसम विज्ञानी और जलवायु विशेषज्ञ पूसा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ए सतार ने बताया कि तूफान की ट्रर्फ लाइन अर्थात उसकी सक्रियता का केंद्र पश्चिम और दिल्ली में है. दूसरे पश्चिमी विक्षोभ भी बिहार पहुंचते-पहुंचते थम जाता है. इसलिए बिहार इन तूफानी हवाओं से बचा हुआ है. हालांकि, कोसी और तराई क्षेत्र में खतरा अभी टला नहीं है.
दिल्ली की आंधी से पटना की हवाई सेवा भी अस्त-व्यस्त, 2-3 घंटे देर से उड़े पांच विमान
पटना : दिल्ली में शनिवार की शाम को आई आंधी के असर से हवाई यातायात अस्तव्यस्त हो गयी. आंधी की वजह से दिलली एयरपोर्ट से 40 विमानों को डायवर्ट करना पड़ा. पटना एयरपोर्ट के हवाई यातायात पड़ भी इसका असर दिखा और शाम छह बजे के बाद पटना से उड़ने उतरने वाले छह विमान इससे प्रभावित हुए. डंडिगो की फ्लाइट संख्या 508 दिल्ली से शाम 6.10 में पटना पहुंची और यहां से शाम 6.40 की बजाय रात 9.05 में दिल्ली के लिए उड़ी.
लखनऊ से आने वाली इंडिगो की फ्लाइट संख्या 633 शाम 6.15 में पहुंची और शाम 6.45 की बजाय रात 9.10 में लखनऊ के लिए उड़ी. दिल्ली से आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 416 शाम 6.20 में पटना पहुंची और यहां से शाम सात बजे की बजाय रात 8.20 में दिल्ली के लिए उड़ी. गो एयर की फ्लाइट संख्या 149 शाम 7.35 की बजाय रात 9155 में आई और 10.25 में दिल्ली के लिए उड़ी. स्पाइस जेट की दिल्ली से आने वाली फ्लाइट 8480 रात 8.50 की जगह 10.20 मेंं दिल्ली से आई और रात 10.50 में दिल्ली के लिए वापस उड़ी.
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