डॉ बिंदेश्वर पाठक को मिला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, 13 जून को तोक्यो में मिलेगा निक्की एशिया पुरस्कार
पटना : सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक को प्रतिष्ठित निक्की एशिया सम्मान-2018 के लिए चुना गया है. यह वार्षिक पुरस्कार एशिया के लोगों की समृद्धि बढ़ाने और क्षेत्र के सतत विकास की दिशा में उल्लेखनीय कार्य पर दिया जाता है. इसमें आर्थिक और कारोबारी नवोन्मेष, विज्ञान और तकनीक के साथ ही संस्कृति और […]
पटना : सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक को प्रतिष्ठित निक्की एशिया सम्मान-2018 के लिए चुना गया है. यह वार्षिक पुरस्कार एशिया के लोगों की समृद्धि बढ़ाने और क्षेत्र के सतत विकास की दिशा में उल्लेखनीय कार्य पर दिया जाता है. इसमें आर्थिक और कारोबारी नवोन्मेष, विज्ञान और तकनीक के साथ ही संस्कृति और समुदाय के लिए उल्लेखनीय काम करनेवाले व्यक्ति चुने जाते हैं.
निक्की एशिया का यह 23वां पुरस्कार देने का ऐलान करते हुए तोक्यो स्थित निक्की एशिया प्राइज सचिवालय ने कहा है कि डॉ पाठक को यह पुरस्कार भारत की बड़ी चुनौतियों में से एक खराब सफाई व्यवस्था और भेदभाव खत्म करने की दिशा में उल्लेखनीय काम करने के लिए दिया जा रहा है. यह पुरस्कार 13 जून को तोक्यो में दिया जायेगा. पाठक इस पुरस्कार के लिए चुने गये तीन प्रतिभाशाली लोगों में से एक हैं. डॉ पाठक ने सस्ते ‘फ्लश’ तकनीक वाले शौचालय की खोज की. ग्रामीण महिलाओं की सुरक्षा और सिर पर मैला ढोनेवाले लोगों की जिंदगी बदलने में इस तकनीक की बड़ी भूमिका है. निक्की एशिया पुरस्कार की स्थापना 1996 में प्रमुख जापानी अखबार निक्की इंक्स की 120वीं सालगिरह पर की गयी थी.