पटना : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जदयू के सभी 28 प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, पार्टी इस चुनावी परिणाम से उत्साहित है. पार्टी का मानना है कि कर्नाटक में जदयू ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा दी है. इसका लाभ आगामी चुनावों में दिखेगा. वहीं, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र एवं बिहारमेंपूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कर्नाटक चुनाव के परिणाम को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, भाजपा को रोकने के लिये कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल को क्षेत्रीय दलोंकी भावनाओं को तरजीह देनी होगी. मालूम हो कि मंगलवार को चुनाव परिणामों की घोषणा की गयी.
जदयूका दावा कर्नाटक में खड़ा हो गया मजबूत संगठन
जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने बताया कि पार्टी कर्नाटक में चुनाव जीतने नहीं बल्कि पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने गयी थी. एक माह के अंदर चुनावी मैदान में उतरे. 28 सीट पर चुनाव लड़े. अपने प्रदर्शन को ठीक मानते हैं. चार-पांच सीटों पर जदयू उम्मीदवारों को मतदाताओं का बेहतर समर्थन मिला. आगे आने वाले दिनों में पार्टी का संगठन मजबूत होगा. पार्टी को इस चुनाव से ऊर्जा मिली है. जितना चुनाव लड़ेंगे उतनी ही पार्टी को लाभ मिलेगा. जितना ज्यादा चुनाव पार्टी लड़ती है उसको उतना ही लाभ मिलता है.
अजय आलोक ने कहा, पार्टी यह मानती है कि कर्नाटक में हम खड़े हो गये. रही बात कर्नाटक की जनता का तो उसने कोई स्पष्ट जनादेश नहीं दिया है. खंडित जनादेश मिला है. भाजपा एक बड़ी पार्टी के रूप में जरूर उभरी है पर स्पष्ट जनादेश किसी को नहीं मिला है. अब जोड़-तोड़ की राजनीति कर्नाटक में चलेगी. इस जोड़ तोड़ का लाभ भी जदयू को मिलेगा. क्योंकि हमारे नेता और दल साफ सुथरी राजनीति में भरोसा करते हैं.
लालू जी के फाॅर्मूला से ही रुकेगी भाजपा : तेजस्वी
वहीं, कर्नाटक चुनाव में भाजपा का सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना राजद को असहज कर रहा है. नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने कर्नाटक में कमल अधिक खिलने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा को रोकने के लिये यूपीए के सभी घटक दलों को लालूजी द्वारा बिहार में 2015 में अपनाये गये फार्मूले को अपनाना होगा. यदि ऐसा नहीं किया गया तो भाजपा पूरे देश में संघ के प्रोपगंडा को लागू करने में सफल हो जायेगी. तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के सभी दलों को कर्नाटक के परिणामों को पाठ की तरह लेने की सलाह दी है.