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अल्पसंख्यक छात्रों के लिए जिलों में खुलेंगे विशेष आवासीय स्कूल, हॉस्टल में रहनेवाले छात्रों को हर माह एक हजार रुपये

राज्य कैबिनेट के फैसले : अल्पसंख्यक आवासीय िवद्यालय योजना को मंजूरी पटना : राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए बड़ी सुविधा प्रदान की है. कक्षा 9 से 12वीं तक के अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए जिला स्तर पर विशेष आवासीय स्कूल खोले जायेंगे, जिनमें रहना, पढ़ना समेत अन्य […]

राज्य कैबिनेट के फैसले : अल्पसंख्यक आवासीय िवद्यालय योजना को मंजूरी
पटना : राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए बड़ी सुविधा प्रदान की है. कक्षा 9 से 12वीं तक के अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए जिला स्तर पर विशेष आवासीय स्कूल खोले जायेंगे, जिनमें रहना, पढ़ना समेत अन्य सभी सुविधाएं मुफ्त होंगी.
इन स्कूलों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी. इसमें उन्हीं अभिभावकों के बच्चों का नामांकन होगा, जिनकी सालाना आय छह लाख रुपये से कम है. इसके अलावा एससी-एसटी छात्राें की तरह ही अब अल्पसंख्यक और पिछड़ा व अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावासों में रहनेवाले इन वर्गों के छात्रों को भी हर माह एक हजार रुपये मिलेंगे.
साथ ही अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को भी यूपीएससी सिविल सेवा का पीटी पास करने पर एक लाख रुपये और बीपीएससी का पीटी पास करने पर 50 हजार रुपये राज्य सरकार देगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिये गये.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कुल 21 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. इनमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा और गृह विभाग से जुड़े प्रस्ताव प्रमुख हैं. इस दौरान मौजूद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना को मंजूरी दी गयी है. इन अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए जिला स्तर पर जमीन की तलाश की जा रही है. जिस जिले में पहले जमीन मिल जायेगी, वहीं यह स्कूल शुरू कर दी जायेगी. अलग-अलग जिलों में जमीन का आकलन किया जा रहा है.
इसके अलावा अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले इस समुदाय के छात्रों के लिए ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास अनुदान योजना’ की स्वीकृति दी गयी है. इसमें प्रत्येक छात्र को प्रति महीने एक हजार रुपये अनुदान दिया जायेगा. राज्य में अभी अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावासों की संख्या 33 है, जिनमें 3,350 छात्र हैं. 11 हॉस्टल प्रस्तावित और चार निर्माणाधीन हैं.
इसी तरह से पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रावास में रहने वाले छात्रों को भी एक हजार रुपये प्रति महीने दिये जायेंगे. इनके लिए मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना शुरू की गयी है.
इसके पिछले कैबिनेट में सरकार ने एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए इस तरह की योजना मंजूर कर चुकी है. राज्य में अभी पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों की संख्या 33 है, जिनमें 3,300 छात्र रह रहे हैं. 10 हॉस्टल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं. चालू वित्तीय वर्ष में इस पर 3.94 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
एससी-एसटी वर्ग के लिए उद्योग विभाग की विशेष योजना
उद्योग विभाग ने एससी-एसटी वर्ग के लिए एक विशेष स्वरोजगार सृजन योजना की मंजूरी दी गयी है. इस उद्यमी योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के अंतर्गत 102 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इसमें इस वर्ग के युवाओं को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष तौर पर प्रोत्साहन दिया जायेगा. अधिकतम पांच लाख रुपये ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा.
अन्य प्रमुख फैसले
– बिहार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय (सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली, 2018 मंजूर, अब आचार्य और फाजिल डिग्री वाले शिक्षक भी हाईस्कूलों के हेडमास्टर बन सकेंगे.
– बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत तत्काल सेवा के लिए संविदा के आधार पर नियोजित कार्यपालक सहायक के 534 पद के सृजन की मंजूरी.
– पूर्णिया के धमदाहा की रेफरल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ स्निग्धा सिन्हा बर्खास्त
– अवर निरीक्षक उत्पाद की संवर्गीय नियमावली को मंजूरी
पटना नगर निगम में दो नये अंचल
पटना : राज्य सरकार ने पटना नगर निगम में दो नये अंचल बनाने का निर्णय लिया है. नूतन राजधानी अंचल को बांट कर पाटलिपुत्र अंचल और पटना सिटी अंचल को बांट कर अजीमाबाद अंचल बनाया जायेगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इनके गठन की प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जायेगी.
पटना समेत पांच शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट : नमामि गंगे योजना में केंद्रांश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने भी राज्यांश जारी कर दिया है.
इसके तहत हाजीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर और पटना (दीघा और कंकड़बाग) में सीवरेज नेटवर्क व ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की अनुमति दी गयी है. हाजीपुर के लिए 98 करोड़, बेगूसराय के लिए 75 करोड़, मुंगेर के लिए 95 करोड़, भागलपुर के लिए 6.74 करोड़, पटना के कंकड़बाग के लिए 9.98 करोड़ और दीघा के लिए 8.24 करोड़ राज्यांश के रूप में जारी किये गये हैं.
जिलों में गठित होंगी साइबर क्राइम की 74 यूनिटें
राज्य सरकार ने सभी जिलों में साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया (सीसीएसएमयू) की 74 यूनिटें गठित करने को मंजूरी दी है. पटना समेत सभी बड़े जिलों में चार, मध्यम में दो और छोटे जिलों में एक-एक यूनिट का फिलहाल गठन होगा.
पूरे राज्य का कंट्रोल यूनिट फिलहाल ईओयू के अधीन होगा. सीसीएसएमयू के गठन के लिए इंस्पेक्टर के 74, प्रोग्रामर के 74, एसआई के 222, सिपाही (डाटा सहायक) के 222 और सिपाही के 148 समेत कुल 740 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है. प्रत्येक यूनिट में 10-10 पदों का सृजन किया गया है. बहाली प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
ईबीसी छात्रों को भी सौगात
यूपीएससी पीटी पास करने पर एक लाख व बीपीएससी पीटी पर 50 हजार रुपये
राज्य सरकार ने एससी-एसटी छात्रों की तर्ज पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए भी ‘मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना’ शुरू की है. इसके अंतर्गत इस वर्ग के छात्रों को बीपीएससी पीटी पास करने पर 50 हजार रुपये और यूपीएससी पीटी पास करने पर एक लाख रुपये दिये जायेंगे.
विभागीय आकलन के अनुसार पिछली बार यूपीएससी और बीपीएससी के पीटी में संयुक्त रूप से अत्यंत पिछड़े वर्ग के 1900 छात्र पास हुए थे. इस आधार पर इस योजना में करीब 11 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. हालांकि यह राशि प्रत्येक वर्ष छात्रों की संख्या के मुताबिक बदलती रहेगी.
दारोगा के 5244 व एएसआई के 2603 पदों का सृजन
राज्य सरकार ने थानों में लंबित मामलों के जल्द निबटारे के लिए विधि-व्यवस्था व अनुसंधान शाखा को अलग-अलग किया गया है. इन दोनों शाखाओं में तैनात पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक दूसरे विंग में नहीं होगी. एक थाने से दूसरे थाने में इनका तबादला होने पर भी इनका विंग नहीं बदलेगा.
इसके लिए दारोगा के 5,244 पद और एएसआई के 2,603 पदों का सृजन किया गया है. इन पर जल्द ही बहाली की जायेगी. अनुसंधान विंग में तैनात पुलिसकर्मियों को अलग से प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. इन्हें विशेष उपकरण मुहैया कराने के साथ-साथ पूरे मामले का अनुसंधान करने की समुचित ट्रेनिंग भी दी जायेगी.

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