पटना : पटना मेडिकल काॅलेज अस्पताल (पीएमसीएच) को पांच हजार का अत्याधुनिक अस्पताल बनाया जायेगा. वर्तमान में इस अस्पताल में 1750 बेड है जिसे तीन फेज में बढ़ाकर पांच हजार बेड का बनाया जायेगा. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष दिया गया पीएमसीएच को अत्याधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित करने से संबंधित प्रेजेंटेशन दिखाया गया.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा1, अणे मार्ग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष पीएमसीएच को अत्याधुनिक अस्पताल के रुप में विकसित करने का ब्लू प्रिंट दिखाया गया जिसमें बताया गया कि पीएमसीएच की क्षमता 1,750 बेड की है, इसे 5000 बेड की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित करने के लिए तीन फेज का समय लगेगा. बहुमंजिली अत्याधुनिक अस्पताल के रुप में इसके प्रथम फेज में क्षमता 2,100 बेड की होगी, द्वितीय फेज में 1,600 अतिरिक्त बेड जोड़े जायेंगे एवं तीसरे फेज के अंत तक 1,300 और अतिरिक्त बेड जोड़े जायेंगे.
तीसरे फेज के अंत तक पीएमसीएच की कुल क्षमता 5000 बेड की होगी. प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि पीएमसीएच ग्रीन बिल्डिंग कॉम्पलेक्स होगा. इसके निर्माण में बेस आईसोलेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा. यह 4 स्टार रेटेड कॉम्पलेक्स होगा. प्रेजेंटेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आईडिया अच्छा है. उन्होंने इसमें कुछ सुधार करने का सुझाव देते हुए कहा कि पीएमसीएच में आवासीय परिक्षेत्र एक जगह पर ही बनाने की जरूरत है. इसमें पारा मेडिकल स्टॉफ, नर्सिंग स्टॉफ, डॉक्टर इत्यादि के रहने की व्यवस्था हो. हॉस्पीटल और आवासीय क्षेत्र के अलग-अलग होने से मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी. आवासीय परिक्षेत्र के लिए साउंड प्रुफ तकनीक का प्रयोग हो ताकि किसी भी तरह के शोरगुल से बचा जा सके और मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो.
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच का बिल्डिंग भूकंपरोधी एवं फायर प्रुफ बनना चाहिए. बिल्डिंग बनने के बाद उसका रखरखाव एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है, इस पर भी पूरा ध्यान रखा जाये. यह एक आईकॉनिक बिल्डिंग होगा, अतः इसके निर्माण कंपनी को अपनी विशेष जिम्मेवारी को समझना होगा. प्रस्तुतीकरण के क्रम में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि पीएमसीएच के भवन में फैंसी चीजों का उपयोग करने की जरुरत नहीं है. पीएमसीएच में लगाये जाने वाले साइनेज पर विषेश ध्यान दिया जाये. साइनेज में अंकित चित्रों एवं शब्दों के फाउंट का बेहतर ढंग से प्रयोग हो ताकि यहां आने वाले लोगों को उचित जगह तक पहुंचने में सहूलियत हो. बिल्डिंग से संबंधित सभी जरूरी चीजों का एक डॉक्यूमेंटेशन तैयार किया जाये ताकि बाद में इसके रखरखाव तथा भवन निर्माण की जानकारी के संबंध में किसी भी तरह की असुविधा न हो.
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी एवं चिकित्सक उपस्थित थे.