अफसरों से मिल माफिया कर रहे सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त, नदियों के किनारे की जमीन का हो रहा सौदा
पटना : राज्य में नदियों के किनारे की सरकारी जमीन भू-माफियाओं के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. भू-माफिया इस जमीन की बिक्री कर रातों-रात मालामाल हो रहे हैं. इसकी शिकायत विभाग को मिली है. अब इस प्रकार की भूमि के सर्वेक्षण को लेकर गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं. राजधानी पटना में […]
पटना : राज्य में नदियों के किनारे की सरकारी जमीन भू-माफियाओं के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. भू-माफिया इस जमीन की बिक्री कर रातों-रात मालामाल हो रहे हैं.
इसकी शिकायत विभाग को मिली है. अब इस प्रकार की भूमि के सर्वेक्षण को लेकर गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं. राजधानी पटना में ही गंगा किनारे लगभग 397 एकड़ बिना सर्वे वाली जमीन का पता चला है. वहीं सारण, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, समस्तीपुर, नवादा, बिहारशरीफ खगड़िया, गोपालगंज, बक्सर, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण जिलों में सैकड़ों एकड़ ऐसी जमीन है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफिया नदी किनारे की सरकारी जमीन के बेचने का कारोबार कर रहे हैं. नदी की धारा बदलने और उससे खाली पड़ी सरकारी जमीन को रैयती बता कर ऐसी जमीन की धड़ल्ले से अवैध बिक्री हो रही है. खाली पड़ी जमीन को सर्वे में छूटी हुई जमीन बताया जाता है.
ऐसी जमीन का रिविजनल सर्वे के समय रजिस्टर में दर्ज नहीं होने से इसका फायदा अधिकारी, अमीन व माफिया मिल कर उठा रहे हैं. इसके बाद उस जमीन की रजिस्ट्री कराकर आसानी से दाखिल-खारिज भी कराया जा रहा है. नदी किनारे की जमीन के सर्वे को लेकर विभाग ने पहले तत्परता दिखायी लेकिन यह प्रक्रिया अब सुस्त है. नतीजा बिना सर्वे वाली जमीन को येन-केन प्रकारेण रैयती बता कर दखल कब्जा किया जा रहा है.
कई जिलों में चल रहा है यह धंधा
नदी किनारे की जमीन को रैयतदार अन्य बची हुई जमीन को अमीन की सांठगांठ से अपनी जमीन में शामिल करा लेते हैं. इसके बाद इसकी बिक्री का खेल शुरू हो जाता है. पटना, सारण, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, समस्तीपुर, नवादा, बिहारशरीफ, खगड़िया, गोपालगंज, बक्सर, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण सहित अन्य जिलों में ऐसी जमीन के बारे में पता चला है. जहां बड़े पैमाने पर अधिकारी व माफिया की सांठगांठ से खेल चल रहा है.
जानकारों के अनुसार पटना में गंगा किनारे लगभग 397 एकड़ बिना सर्वे वाली जमीन का पता चला है. सारण में गंगा किनारे की जमीन पर लोगों ने ईंट-भट्ठा खोल लिया है. कई रैयतों ने अवैध दखल भी कर रखा है. समस्तीपुर में तीन हजार एकड़ व लखीसराय में दो हजार एकड़ बिना सर्वे की जमीन है.
सर्वे की प्रक्रिया सुस्त
नदी किनारे की जमीन का सर्वे करा कर उसका पता लगाने के लिए विभाग में कमेटी का गठन हुआ. कमेटी द्वारा जिले में ऐसी जमीन का पता लगाने के लिए सभी डीएम को जिम्मेदारी सौंपी गयी, लेकिन जमीन के सर्वे का काम धीमा है. अमीन व कर्मचारी की कमी का बहाना बना कर मामले को टाला जा रहा है. इसका फायदा अधिकारी व माफिया उठा रहे हैं.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि राज्य में नदियों के किनारे की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री की जांच हो रही है. ऐसी जमीन का सर्वे कराया जा रहा है. ऐसी जमीन का गलत तरीके से बिक्री व दाखिल-खारिज में शामिल अधिकारी दंडित किये जायेंगे.