नये रंगरूटों ने मातृभूमि की रक्षा की शपथ ली

108 रंगरूट बिहार रेजिमेंट में शामिल दानापुर : बिहार रेजिमेंट सेंटर के ड्रील मैदान में शनिवार को रेजिमेंट के 159 वीं बैच के 108 रंगरूटों को कसम परेड में मातृभूमि की रक्षा करने के लिए शपथ दिलायी गयी. हरे रंग की वर्दी , उस पर लाल-हरा व पीले रंग से बनी टोपी पहने हुए रंगरूट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2018 5:07 AM

108 रंगरूट बिहार रेजिमेंट में शामिल

दानापुर : बिहार रेजिमेंट सेंटर के ड्रील मैदान में शनिवार को रेजिमेंट के 159 वीं बैच के 108 रंगरूटों को कसम परेड में मातृभूमि की रक्षा करने के लिए शपथ दिलायी गयी. हरे रंग की वर्दी , उस पर लाल-हरा व पीले रंग से बनी टोपी पहने हुए रंगरूट कदम-से- कदम मिलाते हुए परेड मैदान में पहुंचे. मौके पर भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल सीई फर्नांडीस ने युवा सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते समय में युद्ध करने के तरीके भी बदल गये हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर अब छोटे युद्ध लड़े जा रहे हैं. इसी को देखते हुए आप सभी को उम्दा किस्म की ट्रेनिंग दी गयी है. मेजर जनरल फर्नांडीस ने कहा कि आज का युद्ध क्षेत्र पारदर्शी और गतिशील हो रहा है. आप इन नयी तकनीकों को आत्मसात कर अपने युद्ध कौशल में शामिल करें.
उन्होंने कहा कि देश की मातृभूमि की रक्षा करने के निए आपको जिम्मेदारी दी जा रही है और ईमानदारी व निष्ठापूर्वक कार्य का निर्वहन करना है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट में जाने का सौभाग्य सभी को प्राप्त नहीं होता, इसलिए आप सभी अपनी बहादुरी और पराक्रम से रेजिमेंट की गौरवममयी गाथा को बनाये रखना है. इससे पहले मेजर जनरल ने परेड की सलामी ली. मेजर जनरल बेस्ट रंगरूट में सिपाही राठौर ईश्वर भाई, बेस्ट फायरिंग में सिपाही सौरभ कुमार, बेस्ट पीटी में सिपाही अमरजीत सिंह यादव व ड्रील में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सिपाही परमार संदीप कुमार को पदक देकर सम्मानित किया .
इससे पूर्व 34 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद नव प्रशिक्षित जवानों को रेजिमेंट के दंडपाल मेजर शांतनु हाड़डे ने शपथ दिलायी. उद्घोषक नायक सूबेदार कमल शुक्ला व विशाल कुभ्मरे ने अपने जोशीले बोल से देशभक्ति का जज्बा जागृत किया.मौके पर रेजिमेंट कमांडेट ब्रिगेडियर मनोज नटराजन , ट्रेनिंग बटालियन कमांडर कर्नल देवदव्त स्वाई , कर्नल जेजो लोबो , ले कर्नल राजन अग्रवाल आदि मौजूद थे.

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