पटना : गंगा में सिल्ट का जमाव बड़ी समस्या: मुख्यमंत्री
जल संसाधन विभाग ने सीएम के समक्ष दिया प्रेजेंटेशन पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गंगा नदी में सिल्ट डिपाजिट एक बड़ी समस्या है. इसका समाधान होना चाहिए. शनिवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री के समक्ष बिहार कोसी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत चीन की यात्रा के दौरान विभिन्न […]
जल संसाधन विभाग ने सीएम के समक्ष दिया प्रेजेंटेशन
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गंगा नदी में सिल्ट डिपाजिट एक बड़ी समस्या है. इसका समाधान होना चाहिए. शनिवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री के समक्ष बिहार कोसी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत चीन की यात्रा के दौरान विभिन्न केंद्रों पर प्राप्त तकनीकी इनपुट एवं अध्ययन पर आधारित प्रतिवेदन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के समक्ष ”स्टडी एंड एक्सपोजर विजिट टू चाईना“ पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया. सीएम ने प्रेजेंटेशन के दौरान कहा कि इन सब चीजों का और गहन अध्ययन करने की जरूरत है और यहां के परिपेक्ष्य में कैसे इसका उपयोग हो, इस पर विचार किया जाये. मालूम हो कि 15 से 22 अप्रैल, 2018 के बीच जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के नेतृत्व
गंगा में सिल्ट…
में छह सदस्यीय टीम, जिसमें जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख मुख्यालय अरुण कुमार, संयुक्त निदेशक जल संसाधन अनिल कुमार, उप निदेशक जल संसाधन परवेज अख्तर, उपनिदेशक बिहार राज्य आपदा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण सोसायटी सुनील कुमार सिंह, ने चीन का दौरा किया था. इस छह सदस्यीय टीम ने चीन के जेंगजो अवस्थित येलो नदी संरक्षण आयोग में जाकर चीन में बाढ़ प्रबंधन एवं गाद नियंत्रण के क्षेत्र में अपनाये जा रहे तरीकों की जानकारी प्राप्त की. येलो नदी बिहार के कोसी नदी से समरूपता रखती है. कोसी में गाद एवं बाढ़ की समस्या बनी रहती है, इसलिए अध्ययन हेतु येलो नदी बेसिन का चयन किया गया.
अध्ययन के बारे में
दी गयी जानकारी
टीम द्वारा चीन की राजधानी बीजिंग में नेशनल क्लाइमेक्स सेंटर एवं नेशनल मेटियोरोल‚जिकल सेंटर जाकर वहां किये जा रहे अध्ययन एवं माडलिंग कार्य की भी जानकारी प्राप्त की गयी. इसका उपयोग पटना में स्थापित गणितीय प्रतिमान केंद्र में किया जायेगा. चीन भ्रमण के दौरान किये गये अपने अध्ययन के आधार पर टीम ने सरकार को सुझाव दिया. इसमें नदियों के तटबंध को
अध्ययन के बारे…
और मजबूत करने तथा तटबंध के दोनों तरफ पेड़ लगाने के साथ–साथ नदियों के तटबंध पर जलनिकासी की समुचित व्यवस्था करने, नदियों के गाद को निकालकर उसका व्यावसायिक उपयोग करने, नदियों की निरंतर डे्रजिंग करने, गाद प्रबंधन, बिहार में शोध संस्थानों जैसे वाल्मी, गणितिय प्रतिमान केन्द्र पटना का उन्नयन तथा कोसी नदी पर शोध हेतु चीन के विशेषज्ञों को निमंत्रण देना शामिल हैं.
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, इन्दुभूषण कुमार तकनीकी परामर्शी जल संसाधन विभाग, अभियंता प्रमुख मुख्यालय अरुण कुमार सहित जल संसाधन विभाग के अन्य अधिकारी एवं अभियंतागण उपस्थित थे.
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