पटना : कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रमको लेकर बिहार के जारी सियासी बयानबाजी के बीच उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आज राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के लोग सिर्फ अखबार में छपने के लिए राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में अगर विपक्ष के पास बहुमत है तो वो अविश्वास प्रस्ताव लाये, एनडीए उसका सामना करने को तैयार है.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष पर हमला तेज करते हुए कहा कि बिहार की विपक्षी पार्टियां विधानसभा सत्र के दौरान कई बार वोटिंग करा कर अपनी ताकत का एहसास कर चुकी हैं. सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक मामले को लेकर बिहार मेंराजद बड़ी पार्टी का हवाला देते हुए राजनीति कर रही हैऔर लगातार सुर्खियों मेंबनेरहने केप्रयास में जुटी है. मालूम हो कि कर्नाटक में हुए घटनाक्रम के बाद बिहार में भी विपक्षी पार्टियों ने राज्यपाल से मुलाकात कर के सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
इससे पहले बिहार में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने कर्नाटक में विश्वास मत से पहले तीन दिन पुरानी भाजपा सरकार के शनिवार को गिर जाने पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी थीं. बिहार में भाजपा नेताओं ने कहाथा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले येदियुरप्पा ने अटल बिहारी वाजपेयी के महान धरोहर का पालन किया. जबकि राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा समेत विपक्षी दलों ने इस दक्षिण राज्य में सरकार बनाने की भाजपा की विफल कोशिश को उसकी ताबूत में आखिरी कील करार दिया था.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा था कि भाजपा ने बिहार में पिछले साल जिस तरह किया, उसी तरह वह कर्नाटक में भी वह पिछले दरवाजे से सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. लेकिन, उसे उसी दरवाजे से चले जाने को कहा गया है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष किया कि क्या कुमार की चुप्पी को भाजपा की गंदी हरकतों पर मुहर समझा जाये.
वहीं,कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कर्नाटक प्रकरण पर कहा कि यह लोकतंत्र की जीत और भाजपा की तरकीब की हार है. यह मोदीमुक्त भारत की शुरुआत है. जबकि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान धनबल और बाहुबल पर जीत गये. यह जीत भाजपा की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. उधर, उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कह कि राज्यपाल वजूभाई वाला ने येदियुरप्पा को निमंत्रित कर कुछ भी गलत नहीं किया.
इस बीच, अंसतुष्ट भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कर्नाटक घटनाक्रम को पार्टी नेतृत्व के लिये असहस और नैतिक मापदंड की हार करार दिया था. उन्होंने ट्वीट किया कि जिन लोगों ने माननीय प्रधानमंत्री को गुमराह किया, खासकर जिन्होंने उनकी उपस्थिति में जीत की घोषणा की, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और बाहर का दरवाजा दिखा दिया जाना चाहिए.