बिहार : अवामी लीग बैंक मामले में राबड़ी से सीबीआई ने की घंटों पूछताछ

पटना : लालू प्रसाद और उनके परिवार की समस्याएं कम होती नहीं दिख रही हैं. चारा घोटाला और रेल टेंडर घोटाले के बाद अब नये मामले की जांच में भी उनके परिवार के सदस्यों के नाम सामने आये हैं. नोटबंदी के बाद पटना के अवामी लीग सहकारिता बैंक में फर्जी खाते खोलकर लाखों रुपये ब्लैक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2018 7:48 AM
पटना : लालू प्रसाद और उनके परिवार की समस्याएं कम होती नहीं दिख रही हैं. चारा घोटाला और रेल टेंडर घोटाले के बाद अब नये मामले की जांच में भी उनके परिवार के सदस्यों के नाम सामने आये हैं. नोटबंदी के बाद पटना के अवामी लीग सहकारिता बैंक में फर्जी खाते खोलकर लाखों रुपये ब्लैक से व्हाइट करने का खेल हुआ था. जांच के क्रम में राबड़ी देवी का नाम भी सामने आया था.
नोटबंदी के दौरान उनके 10 लाख रुपये बेनामी खातों के जरिये व्हाइट किये गये थे. इसी मामले में सीबीआई की तीन सदस्यीय विशेष टीम ने मंगलवार को राबड़ी देवी से 10, सर्कुलर रोड स्थित उनके सरकारी आ‌वास पर घंटों पूछताछ की. राबड़ी देवी के अलावा उनके आवास पर अन्य किसी से कोई पूछताछ नहीं की गयी. इस बैंक के अध्यक्ष या कर्ता-धर्ता राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद और उनके बेटे अरशद अहमद हैं.
प्राप्त सूचना के अनुसार, सीबीआई की टीम ने राबड़ी देवी से पूछा कि नोटबंदी के बाद क्या उन्होंने 10 लाख रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए अवामी लीग बैंक को दिये थे? ये रुपये उनके ही थे या किसी दूसरे के थे? ये पैसे बैंक के मालिक अनवर अहमद को सीधे दिये गये थे या किसी के माध्यम से भिजवाये गये थे? कुछ सबूतों को दिखाते हुए पूछा कि क्या सही में ये रुपये उनके नहीं हैं?
इस तरह से इससे जुड़े अन्य मसलों पर राबड़ी देवी से पूछताछ की गयी. इन सभी प्रश्नों का जवाब क्या मिला, इसकी सटीक जानकारी तो नहीं है. लेकिन सूत्र बताते हुए कि प्रश्नों के जवाब गोल-मोल या अधिकतर के नहीं में ही आये हैं. फिलहाल इस मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है. जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि आगे की कार्रवाई क्या होगी. अनवर अहमद राजद के पूर्व एमएलसी थे और लालू यादव के बेहद करीबी भी हैं. लालू की सरकार में इन्हें ‘कबाब मंत्री’ के नाम से भी जाना जाता था.
अन्य लोगों से भी हुई पूछताछ
प्राप्त सूचना के अनुसार, सीबीआई ने राबड़ी देवी के अलावा अन्य अभियुक्तों या उनलोगों से भी पूछताछ हुई है, जिनके नाम फर्जी बैंक खाते के जरिये ब्लैक रुपये को व्हाइट करने में सामने आये हैं. इनमें बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद, अरशद अहमद समेत अन्य कई नामजद अभियुक्त शामिल हैं.
यह है पूरा मामला
आयकर विभाग ने 12 जनवरी, 2017 को अवामी लीग सहकारिता बैंक में छापेमारी कर नोटबंदी के दौरान फर्जी खाते खोलकर ब्लैक मनी को व्हाइट करने के खेल को उजागर किया था. सीबीआई ने भी इस मामले में अप्रैल में एफआईआर दर्ज करने के बाद 28 जून, 2017 को बैंक पटना स्थित अवामी लीग सहकारिता बैंक की तीन शाखाओं के अलावा उनके ट्रस्ट अल-राबिया के अंतर्गत संचालित होने वाले स्कूल मदर इंटरनेशनल अकादमी (फुलवारीशरीफ) के कार्यालय पर एक साथ छापेमारी की.
इस दौरान नोटबंदी के बाद कई फर्जी दस्तावेज और खातों के रिकॉर्ड हाथ लगे, जिनसे यह पता चला कि मजदूरों के 50 से ज्यादा फर्जी खाते खोलकर एक दिन में 70 लाख से ज्यादा रुपये (500 व 1000 के पुराने नोट ) को ब्लैक से व्हाइट कर दिया गया था.
इस मामले में ये नामजद अभियुक्त
सीबीआई ने मामला दर्ज करते हुए जिन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है, उनमें बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद, अरशद अहमद (अनवर के बेटे और फुलवारीशरीफ स्थित मदर इंटरनेशनल एकेडमी के निदेशक), कौशलेंद्र कुमार शर्मा (राजा बाजार स्थित आवामी बैंक के कार्यकारी शाखा प्रबंधक), प्रकाश कुमार सिन्हा (पटना सिटी के खाजेकलां थाना क्षेत्र में लाल टोली शाखा के मैनेजर), अभय कुमार (अशोक राजपथ में मुरादपुर स्थित बैंक की मुख्य शाखा के मैनेजर सह कैशियर) और दो अन्य सहयोगी फरहद अहमद एवं परवेज आलम शामिल हैं.
राबड़ी से ये पूछे सवाल
नोटबंदी के बाद क्या उन्होंने 10 लाख रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए अवामी लीग बैंक को दिया था?
ये रुपये उनके ही थे या किसी दूसरे के थे?
ये पैसे बैंक के मालिक अनवर अहमद को सीधे दिये गये थे या किसी के माध्यम से भिजवाये गये थे?

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