बिहार : गर्मी से इंसान क्या जानवर भी हो रहे बेहाल, चिंपाजी पी रहे डाभ, भालू और बंदर खा रहे तरबूज
पटना जू में ताकत के लिए दिये जा रहे फूड सप्लीमेंट पटना : गर्मी से पटना जू के मांसाहारी जानवरों की खुराक घट गयी है. बाघ, शेर, चीता और लकड़बग्घा जैसे जानवर सामान्य दिनों की तुलना में कम मांस खा रहे हैं, क्योंकि, उनकी पाचन दर कम हो गयी है. बढ़ी गर्मी से मुकाबला करने […]
पटना जू में ताकत के लिए दिये जा रहे फूड सप्लीमेंट
पटना : गर्मी से पटना जू के मांसाहारी जानवरों की खुराक घट गयी है. बाघ, शेर, चीता और लकड़बग्घा जैसे जानवर सामान्य दिनों की तुलना में कम मांस खा रहे हैं, क्योंकि, उनकी पाचन दर कम हो गयी है. बढ़ी गर्मी से मुकाबला करने व मांसाहारी जानवरों को अतिरिक्त ताकत देने के लिए ग्लूकोज दिया जा रहा है.
साथ ही इनक्लोजर में फूस की शेड बनायी गयी है, ताकि वे वहां दिन में बैठ सकें. इनक्लोजर में पानी के छींटे भी मारे जा रहे हैं. नाइट हाउस में कूलर व पंखा लगाये गये हैं. मांसाहारी ही नहीं बल्कि शाकाहारी और सर्वाहारी जानवर भी गर्मी से बेहाल हैं और उनकी पाचन दर कम हो गयी है.
इस कारण जू प्रशासन चिंपाजी को गर्म लहर लगने से बचाने के लिए डाभ पिला रहा है. वहीं, भालू व बंदर को तरबूज दिया जा रहा है. चिड़ियों को पानी में इलेक्ट्रॉल और मल्टी विटामिन मिला कर दिया जा रहा है. हाथी, गैंडा जैसे बड़े शाकाहारी जानवरों को हरी घास दी जा रही है.
लू के बदले उमस, पसीने से परेशान हो रहे लोग
पटना : मई माह में ही गर्मी ने अपना स्वरूप बदल लिया है. राजधानी सहित पूरे राज्य में 15 मई से लेकर 15 जून तक चलने वाली भयंकर लू के बदल अभी लोगों को उमस सता रही है. मौसम जानकारों की मानें, तो अभी जो मौसम है वैसी स्थिति प्री मॉनसून से लेकर मॉनसून में रहती है. अभी हवा में नमी रहने के कारण भले ही धूप तेज नहीं हो रही, मगर ऊमस भरी गर्मी से पूरा मौसम चिपचिपा हो रहा है और लोग अधिक पसीना निकलने से परेशान हो रहे हैं. बुधवार का मौसम भी कुछ ऐसा ही रहा, आर्द्रता यानी 74 फीसदी दर्ज की गयी.
इस दौरान भले ही शहर का अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री व न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मई माह से पश्चिम से आने वाले वाली पछुआ हवा शहर का तापमान बढ़ाती है, लेकिन फिलहाल मौसम की स्थिति ऐसी है कि राज्य में बंगाल की खाड़ी से नमी भरी पुरवा आ रही है.
इसलिए आर्द्रता 70 से 90 फीसदी दर्ज किया जा रहा है. इसलिए शहर का तापमान बढ़ नहीं रहा है. मौसम केंद्र के अनुसार अभी दो तीन दिनों तक ऐसी भी स्थिति रहेगी. अधिकतम तापमान अभी 40 डिग्री सेल्सियस के पार नहीं जायेगा.
एक माह में 72 मेगावाट बिजली की खपत बढ़ी
पटना : बढ़ती गर्मी और ऊमस ने बेहाल कर दिया है. ऐसे में बिना एसी, कूलर व पंखा के रहना मुश्किल हो गया है. पिछले एक हफ्ते में मौसम ने जो करवट ली है, उससे आनेवाले दिन और भारी पड़नेवाले हैं. इसका सीधा असर बिजली खपत पर पड़ना लाजिमी है. बिजली विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो पिछले कुछ दिनों में बिजली की खपत बढ़ी है.
खासतौर से रात के आठ, नौ व 10 बजे के आसपास तो बिजली का मीटर कुछ ज्यादा ही रफ्तार से दौड़ता है. 22 अप्रैल को शहरी क्षेत्र में बिजली की खपत 432 मेगावाट थी. ठीक एक माह बाद 22 मई को यही आंकड़ा 534 पर पहुंच गया है. मतलब साफ है, 72 मेगावाट यानी 72 हजार किलोवाट की खपत बढ़ गयी है. विभागीय अफसरों की मानें, तो यह आंकड़ा 600 मेगावाट तक जाने की संभावना है. जून में गर्मी अपना तेवर और तल्ख करती है. इसलिए खपत अधिक होनी तय है.
गर्मी बढ़ी, तो नखरे दिखाने लगी बिजली
पटना : गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली नखरे दिखाने लगी है. भले ही बत्ती नहीं जाने का विभाग दावा करता रहे, परंतु लोकल फॉल्ट के कारण लगातार लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मंगलवार देर रात से बिजली जाने का सिलसिला जो शुरू हुआ वह बुधवार तड़के तक जारी रहा. इंद्रपुरी, पटेल नगर, बेऊर का पूरा क्षेत्र इन परेशानियों से रु-ब-रु होता रहा. बिजली उपभोक्ताओं ने बताया कि मंगलवार रात 11 बजे के बाद बत्ती जाने का सिलसिला शुरू हुआ. पहले थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बत्ती गुल हो रही थी. आधी रात के बाद तो हद ही हो गयी. ऐसी बत्ती गुल हुई कि बुधवार तड़के साढ़े तीन के बाद आयी. इससे लोगों को काफी परेशानी हुई.
लगातार गर्मी बढ़ रही है. इसलिए खपत भी बढ़ेगी. रोजाना करीब 600 मेगावाट तक आंकड़ा जाने की संभावना है. ऐसे में विभागीय स्तर पर सभी को सक्रिय रहने को कहा गया है.
जहां भी फॉल्ट होगा, टीम पहुंचेगी. इसके लिए जारी नंबरों पर सूचित किया जा सकता है. वैसे सभी कार्यों को रोक दिया गया है, जिसमें शटडाउन लेने की आवश्यकता होती थी. जिन कार्यों को करने में बिजली आपूर्ति बाधा नहीं बननी है, उसे जारी रखा गया है.
– दिलीप कुमार सिंह, जीएम, पेसू