नेपाल में मौजूद चार संदिग्धों को लेकर बिहार की सीमा पर हाई अलर्ट जारी, आईबी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

पटना : बिहार की सीमा पर एक बार फिर आतंकी साया मंडराने लगा है. इस बार नेपाल में पाकिस्तान से आकर छिपे चार संदिग्धों के कारण आईबी समेत देश की अन्य सभी सुरक्षा एजेंसी चौकस हो गयी हैं. इसके मद्देनजर बिहार की सीमा को खासतौर से अलर्ट कर दिया गया है. क्योंकि, नेपाल से भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2018 8:12 AM
पटना : बिहार की सीमा पर एक बार फिर आतंकी साया मंडराने लगा है. इस बार नेपाल में पाकिस्तान से आकर छिपे चार संदिग्धों के कारण आईबी समेत देश की अन्य सभी सुरक्षा एजेंसी चौकस हो गयी हैं.
इसके मद्देनजर बिहार की सीमा को खासतौर से अलर्ट कर दिया गया है. क्योंकि, नेपाल से भारत में प्रवेश करने का सबसे सहज माध्यम बिहार के जरिये ही है. एक बार यहां घुसने के बाद यहां से कहीं भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. राज्य के करीब 125 सीमावर्ती थानों को अलर्ट करने के साथ ही सीमा से सटे जिलों के एसपी को इनकी फोटो भेजते हुए पूरी तरह से सतर्क रहने को कहा गया है.
आईबी की रिपोर्ट पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अलर्ट के बाद इनकी तलाश नेपाल में भी शुरू हो गयी है. भारतीय दूतावास ने नेपाल सरकार को भी इस मामले में जानकारी देते हुए हर हाल में इन्हें पकड़ने के लिए कवायद तेज करने के लिए कहा है. यह मामला जितना सामान्य लग रहा है, उतना सहज नहीं है.
पाकिस्तान के फैसलाबाद स्थित ‘जामिया इमदादिया’ से दो मौलाना समेत दो इनके सहयोगी मार्च में ही 20 दिनों के वीजा पर काठमांडू पहुंचे थे. दोनों मौलाना में मो रहिब्बुला रहमान (उम्र करीब 45 वर्ष) और शमा रहमान (करीब 47 वर्ष) शामिल हैं. पहले 20 दिनों की वीजा अवधि समाप्त होने के बाद इन्होंने फिर से 20 दिनों के लिए वीजा की समय सीमा बढ़वा ली.
दूसरी बार वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी ये वापस लौटे नहीं, बल्कि काठमांडू में जिस मदरसे में आकर ठहरे हुए थे. वहां से ये लापता हो गये. ये लोग जिस मदरसा में आकर रुके हुए थे, वहां एक कश्मीरी भी पहले से ही रहता था. वह भी इन चारों के साथ लापता है. इस तरह इन पांचों की तलाश तेजी से शुरू हो गयी है. अब तक की जांच में यह पता चला है कि इनका संबंध आईएम (इंडियन मुजाहिद्दीन) से जुड़े होने की आशंका है.
पाकिस्तान से 20 दिनों का वीजा लेकर नेपाल में हुए थे दाखिल, समय खत्म होने के बाद भीकाठमांडू मदरसे में रहे जमे
आईएम या लश्कर-ए-तैयबा से इन संदिग्धों का ताल्लुक होने की बतायी जा रही है संभावना
जांच में आयीं कई संदिग्ध बातें सामने
इनके 40 दिनों से ज्यादा समय से काठमांडू मदरसे में रहने के दौरान कई संदिग्ध गतिविधि पायी गयी. जांच में यह पता चला कि इन्होंने भारत-नेपाल सीमा पर मौजूद कई मदरसों में दर्जनों बार भ्रमण किया और यहां जिहाद समेत अन्य संवेदनशील मामलों पर लोगों को प्रेरित किया.
यह भी सूचना मिली है कि ये लोग आईएम के मॉड्यूल के रूप में कुछ लोगों को तैयार करने की कोशिश भी की है. आईएम मॉड्यूल तैयार करना इनका मुख्य मकसद था. हालांकि, इन बातों पर अभी गहराई से जांच चल रही है. इसके अलावा भी आईबी की छानबीन में इनकी कई गतिविधि बेहद संदिग्ध मिलने के बाद जांच एजेंसी के कान खड़े हो गये.
बिहार के कुछ जिलों में भी किया
संपर्क : इन लोगों ने बिहार में भी कुछ सीमावर्ती जिलों के लोगों से लगातार संपर्क किया है. इन लोगों के साथ इनकी बातचीत यहां के जिन स्थानीय लोगों के साथ हुई है, वह वार्तालाप दो अर्थी होने के साथ-साथ बेहद संदेहास्पद भी हैं.
फिलहाल इसकी जांच चल रही है और यहां जिन लोगों से बात हुई है, उनकी तलाश भी तेज कर दी गयी है. सूबे के सीमावर्ती इलाके मधुबनी, दरभंगा, अररिया समेत अन्य जिलों में इन लोगों से बात करने वालों का ट्रेस मिला है. इसके आधार पर तेजी से जांच चल रही है.

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