पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में प्रति महीने पहुंचने वाले मरीजों की औसत संख्या बढ़कर 10,000 से ज्यादा पहुंच गयी है. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 784 करोड़ रुपये की कुल 301 योजनाओं का रिमोट के जरिये शिलान्यास एवं उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि हम लोगों ने जब वर्ष 2005 में सत्ता संभाली थी, उस समय राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र की हालत बहुत खराब थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी 2006 में हम लोगों ने एक सर्वे कराया था, जिसमें यह जानकारी मिली कि एक महीने में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने के लिए औसत मात्र 39 मरीज आते हैं. हम लोगों ने स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाये, इसके लिए चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी. नीतीश ने कहा कि अगस्त 2006 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के द्वारा मुफ्त दवा वितरण की शुरुआत करायी गयी. उस समय लगभग 70-80 दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी. इन सब कदमों के बाद नवंबर 2006 में दोबारा कराये गये सर्वे में यह बात सामने आयी कि एक महीने में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर करीब 1500 से 2000 मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं और आज अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़कर 10,000 से ज्यादा पहुंच गयी है.
नीतीश कुमार ने कहा कि इसका ये मतलब नहीं है कि राज्य में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है बल्कि लोगों का सरकारी अस्पतालों पर भरोसा बढ़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग इलाज के साथ-साथ स्वच्छता पर भी ध्यान देते हैं. लोग स्वस्थ रहें, इसके लिए काम कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, राज्य में लोहिया स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है. पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर पीने का स्वच्छ पानी एवं स्वच्छता का ध्यान रखा जाये तो आज होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है.