बिहार संग्रहालय के निदेशक को अपर निदेशक ने चेंबर में पीटा था, निदेशक के पक्ष में उतरा कला जगत, जानें पूरा मामला
पटना : बिहार संग्रहालय के निदेशक मोहम्मद युसूफ के साथ 27 मई को अपर निदेशक (अब बर्खास्त) जेपीएन सिंह द्वारा की गयी अभद्रता पर बिहार का कला जगत नाराज और उत्तेजित है. वह सख्त कानूनी कार्रवाई चाहता है. इस मकसद से मंगलवार को दोपहर बारह से एक बजे के बीच बिहार संग्रहालय के सामने कला […]

पटना : बिहार संग्रहालय के निदेशक मोहम्मद युसूफ के साथ 27 मई को अपर निदेशक (अब बर्खास्त) जेपीएन सिंह द्वारा की गयी अभद्रता पर बिहार का कला जगत नाराज और उत्तेजित है. वह सख्त कानूनी कार्रवाई चाहता है.
इस मकसद से मंगलवार को दोपहर बारह से एक बजे के बीच बिहार संग्रहालय के सामने कला जगत की हस्तियां और विद्यार्थी प्रदर्शन करेंगे. जेपीएन सिंह का पुतला भी फूंका जायेगा.
जानकारी के मुताबिक सिंह का पुतला फूंकने और प्रदर्शन करने की अगुवाई आर्ट एंड कल्चर स्टूडेंट फेडरेशन करेगा. इसमें शहर और प्रदेश के जाने माने कलाकार मिलन दास, मनोज बच्चन, शैलेंद्र कुमार, रमेश कुमार, विनोद, विपिन आदि वरिष्ठ कलाकार भाग लेंगे. आर्ट के जाने माने युवा चेहरे रमाकांत ने बताया कि कला जगत युसूफ के साथ हुए अभद्र बर्ताव को कला और संस्कृति पर हमला मानता है. इसका विरोध सख्त कानूनी कार्रवाई होने तक जारी रहेगा. रमाकांत ने कहा कि इस घटनाक्रम से बिहार की छवि पर आंच आयी है.
कलाकारों को सुरक्षा भी मिलनी चाहिए. इधर म्यूजियम में निदेशक युसूफ को नैतिक समर्थन देने के लिए कई कलाकार पहुंचे. गौरतलब है कि युसूफ पर बीते रोज जेपीएन सिंह ने एक विवाद के बाद हमला कर घायल कर दिया था. मामला पुलिस तक पहुंच गया था. यह समूचा मामला एक बिल भुगतान संबंधी फाइल का था, जिमसें खामी पाने के चलते निदेशक ने बर्खास्त अपर निदेशक सिंह से पूछताछ की थी. बाद में बिहार सरकार ने अपर निदेशक सिंह को तत्काल बर्खास्त कर दिया था.
विवाद पर कलाकारों की प्रतिक्रिया
युसूफ जी के आने पर बिहार म्यूजियम की गतिविधियों में काफी बढ़ोतरी हुई है और बिहार का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव के साथ लिया जा रहा है. लेकिन जेपीएन सिंह ने उनके साथ जो किया, वह बहुत ही अशोभनीय है. मामले की वृहद और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
बिरेंद्र कुमार सिंह, सचिव, बिहार कला मंच
सभ्य समाज हिंसक प्रवृत्ति को किसी रूप में स्वीकार नहीं करता. आगे से इस प्रकार की कोई घटना न घटे, इसके प्रति सभी को संवेदनशील होना चाहिए. बिहार राज्य का व्यक्ति हो या बाहर का आदमी, देश के किसी भी हिस्से के व्यक्ति के साथ इस तरह की कोई भी घटना नहीं होनी चाहिए.
डॉ अजय कुमार पांडे, प्राचार्य कला व शिल्प महाविद्यालय
कला जगत के लिए यह घटना बेहद दुखद है और इसकी जितनी भी निंदा की जाये, कम है. म्यूजियम में जिस तरह युसूफ जी को लाया गया और युसूफ जी के कारण जिस तरह से पूरे विश्व के कलाकार इससे जुड़ रहे थे, इससे उन सभी को दुख पहुंचा है. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि बिहार में इस तरह की घटना भी हो सकती है. यूसूफ जी के साथ सारे कलाकार हैं.
उमेश कुमार शर्मा, वरीय कलाकार
कल का दिन बिहार कला के लिए काला दिन था, जब एक अंतराष्ट्रीय कलाकार को पटना की धरती पर अपमानित किया गया. हम कला जगत के लोग इस निंदनीय कार्य की भर्त्सना करते हैं. आशा करते हैं कि किसी के साथ ऐसी घटनाओं को फिर दुहराया न जाये, जिससे बिहार को शर्म का सामना करना.
प्रो श्याम शर्मा, पूर्व प्राचार्य, कला महाविद्यालय
इससे कला जगत में दुख है और सारे कलाकार इसकी भर्त्सना करते हैं. इससे हमारे बिहार की छवि काफी धूमिल हो गयी है, चूंकि पूरे भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बिहार में कला जगत में अभी सबसे अधिक काम हो रहा है. प्रदेश की छवि धूमिल हुई है. घटना की विस्तार से जांच होनी चाहिए.
विनोद कुमार गुप्ता , वरिष्ठ कलाकार
यह हादसा बहुत ही दुखद व शर्मनाक है. एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार के साथ जिस तरह मारपीट की गयी, उसे किसी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता. जब हमारा बिहार म्यूजियम अच्छे ढ़ंग से चल रहा था, अचानक एक ब्रेक लग गया. पूरे देश के कलाकार और कला प्रेमियों के बीच आज इसी घटना की चर्चा हो रही है और बहुत खराब संदेश गया है.
मिलन दास, पूर्व उपाध्यक्ष, ललित कला अकादमी