देश के 8 शहरों में बिहार फाउंडेशन करेगा प्रवासी बिहारियों का सम्मेलन : सुशील मोदी

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में बिहार फाउंडेशन की नये वित्तीय वर्ष में हुई पहली कार्यकारिणी की बैठक में इस वर्ष देश के 8 बड़े शहरों में प्रवासी बिहारियों के सम्मेलन, निवेशक मीट व रोड शो कर बिहार सरकार की उपलब्धियों व कार्यक्रमों से प्रवासी बिहारियों को अवगत कराने का निर्णय लिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2018 7:29 PM

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में बिहार फाउंडेशन की नये वित्तीय वर्ष में हुई पहली कार्यकारिणी की बैठक में इस वर्ष देश के 8 बड़े शहरों में प्रवासी बिहारियों के सम्मेलन, निवेशक मीट व रोड शो कर बिहार सरकार की उपलब्धियों व कार्यक्रमों से प्रवासी बिहारियों को अवगत कराने का निर्णय लिया गया. बैठक में उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, विकास आयुक्त दीपक कुमार, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद व फाउंडेशन के अन्य कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे.

सुशील मोदी ने बताया कि फाउंडेशन के मुंबई चैप्टर की ओर से इस साल पूणे और सूरत में तथा बिहार फाउंडेशन पटना की ओर से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलुरु व नागपुर में प्रवासी बिहारियों का सम्मेलन आयोजित होगा. इस दौरान सूचना प्रोवेद्यिकी एवं उद्योग विभाग की ओर से निवेशक सम्मेलन व रोड शो का आयोजन कर बिहार में निवेश के लिए इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया जायेगा. स्टाॅल लगा कर बिहारी व्यंजनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा.

बिहार से बाहर देश और विदेश में रहने वाले बिहारियों को जोड़ने के लिए फाउंडेशन की ओर से एक वेबसाइट www.biharfoundation.in शुरू किया गया है, जिसमें एक लाख प्रवासी बिहारियों को निबंधित करने का लक्ष्य है. बिहार सरकार की गतिविधियों से अवगत कराने के लिए एक मासिक ई-न्यूज लेटर हिंदी व अंग्रेजी में प्रारंभ किया गया है. इसके अलावा फेसबुक और ट्वीटर पर भी बिहार फाउंडेशन को सक्रिय किया गया है.

देश के अलावा फाउंडेशन के कातर, दुबई, बहरीन, सउदी अरबिया, कनाडा, आस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया, सिंगापुर व अन्य देशों के चैप्टर को भी सक्रिय करने तथा साल में कम से कम एक बार बिहार दिवस का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया. बिहार फाउंडेशन का गठन बिहार के बाहर देश व विदेश में रहने वाले प्रवासी बिहारियों को सरकार से जीवंत संबंध स्थापित कराने व उन्हें बिहार से जोड़ने के लिए किया गया है.

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