विश्व में सबसे अधिक महिला पायलट भारत में, हर 8वीं फ्लाइट की कमान महिला के हाथों में
अनुपम कुमार देश के 10,000 पायलटों में 1200 महिलाएं, विमान उड़ाने से फ्लाइट सुपरवाइज तक हर स्तर पर कर रहीं काम पटना : कुछ वर्ष पहले तक भारत में विमान उड़ाती महिलाएं कम ही दिखती थीं. पूरी महिला फ्लाइंग क्रू को देखने के लिए तो महिला दिवस का इंतजार करना पड़ता था, जब महिला सशक्तीकरण […]
अनुपम कुमार
देश के 10,000 पायलटों में 1200 महिलाएं, विमान उड़ाने से फ्लाइट सुपरवाइज तक हर स्तर पर कर रहीं काम
पटना : कुछ वर्ष पहले तक भारत में विमान उड़ाती महिलाएं कम ही दिखती थीं. पूरी महिला फ्लाइंग क्रू को देखने के लिए तो महिला दिवस का इंतजार करना पड़ता था, जब महिला सशक्तीकरण के नाम पर यह विशेष रूप से इसे अरेंज किया जाता था.
हालांकि पिछले चार-पांच वर्षों में स्थिति तेजी से बदली है. आज देश के 10,000 कमर्शियल पायलट में 1200 महिलाएं हैं, जो विश्व में सर्वाधिक हैं.
प्रतिशत भागीदारी की दृष्टि से देखें, तो भी भारत में महिला पायलटों की संख्या सर्वाधिक है और विभिन्न डोमेस्टिक एयरलाइंस के हर आठवें उड़ान की कमान महिला पायलट के हाथ में होती है. दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े एयरपोर्ट ही नहीं, बल्कि पटना जैसे छोटे एयरपोर्ट पर भी हर दिन विमान लेकर आती-जाती महिला पायलट दिख ही जाती हैं.कई बार तो पूरी की पूरी फ्लाइंग क्रू ही महिला पायलटों से बनी होती है.
पांच वर्षों में पांच गुना हो गई महिला पायलटों की संख्या : नागरिक उड्डयन में लगभग 40 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली देश की सबसे बड़ी विमान कंपनी इंडिगो एयरलाइन में 2013 में महिला पायलटों की संख्या केवल 69 थी, जो अब बढ़कर 300 हो गई है.
इस अवधि विश्व में सबसे अधिक में स्पाइसजेट, गो एयरवेज और जेट एयरवेज के महिला पायलटों की संख्या में भी तीन से चार गुना तक की वृद्धि हुई है. एयर इंडिया में भी पिछले चार-पांच वर्ष से हर वर्ष 25 से 35 फीसदी के बीच महिला पायलटों की संख्या में वृद्धि हो रही है.
फ्लाइट ऑपरेशन के उच्च पदों पर भी तैनात हो रही महिलाएं : पायलट और को पायलट ही नहीं, बल्कि फ्लाइट ऑपरेशन के उच्च पदों पर भी महिलाएं तैनात हो रही हैं. इंडिगो एयरलाइंस में इस समय फ्लाइट सुपरवाइजर और ट्रेनर के रूप में 15 महिलाएं हैं. एयरइंडिया, स्पाइस जेट, गो एयरवेज और जेट एयरवेज में भी फ्लाइट ऑपरेशन के कई उच्च और बेहद जिम्मेदारी वाले पदों पर महिला पायलट काम कर रही हैं.
केस 1 (22 अप्रैल, 2018)
इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E485 दोपहर 2.30 में बेंगलुरू से पटना आयी. इसे लेकर आयी थीं कैप्टन स्वाती साहनी. उनकी सहयोगी पायलट भी एक महिला थी.
केस 2 (22 अप्रैल, 2018)
इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E787 दोपहर 3.15 में मुंबई से पटना पहुंची. उसे पटना लेकर आने वाले फ्लाइंग क्रू के दोनों सदस्य महिलाएं थी, लेकिन दोनों उसी तरह सहज दिखीं जैसे ऐसे अवसरों पर पुरूष पायलट दिखते हैं.
महीने में 4-5 बार महिला फ्लाइंग क्रू के साथ उड़ती हूं
10 वर्षों से विमान उड़ा रही हूं. हर महीने 4-5 बार ऐसा होता है कि सिर्फ महिला चालक दल के साथ उड़ने का मौका मिलता है. हर दिन के काम की तरह यह भी हमारे लिए एक रूटीन काम ही होता है. लेकिन यह सोचने पर कि बिना पुरुष सहयोगी के हम ऐसा कर रही हैं, अच्छा लगता है.
कैप्टन स्वाती साहनी, इंडिगो एयरलाइंस
उड्डयन क्षेत्र में महिलाओं के बढ़ते कदम
1936 में सरला ठकराल 21 वर्ष की उम्र में भारत की पहली एविएशन पायलट बनी.
1956 में दुर्बा बनर्जी इंडियन एयरलाइंस का विमान उड़ाकर भारत की पहली कमर्शियल पायलट बनीं.
1985 में सौदामणि देशमुख के नेतृत्व में पहली बार केवल महिला फ्लाइंग क्रू ने कोलकाता से सिल्चर तक विमान उड़ाया.
महिलाओं की भागीदारी
भारत 12%
फ्रांस 7.6%
जापान 5.6%
यूएस 5.1%
ग्लोबल औसत 5.4%