पटना : आरटीएस के लिए सभी प्रखंड स्तर पर अलग होगा काउंटर

पटना : राज्य सरकार ने सभी सरकारी सेवाओं के माध्यम से आम लोगों को कम से कम समय में सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लेते हुए आरटीएस (राइट टू सर्विस) कानून लागू किया. अब इस कानून को ज्यादा सशक्त बनाते हुए निर्धारित समय सीमा में सेवा देने के लिए नयी व्यवस्था बहाल होने जा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2018 8:19 AM
पटना : राज्य सरकार ने सभी सरकारी सेवाओं के माध्यम से आम लोगों को कम से कम समय में सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लेते हुए आरटीएस (राइट टू सर्विस) कानून लागू किया. अब इस कानून को ज्यादा सशक्त बनाते हुए निर्धारित समय सीमा में सेवा देने के लिए नयी व्यवस्था बहाल होने जा रही है.
इसके तहत अब तत्काल सेवा में शामिल सभी लोक सेवाओं के लिए प्रखंड स्तर पर अलग काउंटर होगा और इन काउंटरों में कार्यपालक सहायक की तैनाती की जायेगी. इससे तत्काल सेवा का काउंटर आरटीएस में शामिल अन्य सभी दूसरे सेवाओं से एकदम अलग होगा और इसके अनुपालन के लिए अलग से कर्मी भी तैनात किये जायेंगे.
फिलहाल तत्काल सेवा के तहत जाति प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र और आय प्रमाणपत्र को शामिल किया गया है. इन सेवाओं के अलावा आरटीएस में शामिल अन्य सेवाएं पहले की तरह ही निर्धारित समय सीमा में संबंधित स्थानों से दी जायेगी. इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है.
राज्य के सभी 534 प्रखंड स्तर पर तत्काल सेवा के लिए अलग काउंटर खोले जायेंगे. इन काउंटरों में एक-एक कार्यपालक सहायक की बहाली होगी. इस पर सात करोड़ 26 लाख 98 हजार रुपये का खर्च आयेगा. प्रत्येक प्रखंड सह अंचल कार्यालय के लिए संविदा पर एक अतिरिक्त कार्यपालक सहायक की बहाली डीएम के स्तर पर की जायेगी.
सभी जिलों में डीएम के स्तर पर ही यह व्यवस्था की जायेगी. फिलहाल तत्काल सेवा के तहत अधिकतम दो दिन में जाति, आवासीय और आय प्रमाण-पत्र बनाकर देना होगा. वर्तमान में ये प्रमाण-पत्रों आरटीएस के तत्काल सेवा में शामिल हैं और इन्हें सीओ के स्तर पर जारी किया जाता है. परंतु किसी भी प्रखंड में तत्काल सेवा में शामिल होने के बाद भी इन प्रमाणपत्र को अधिकतम दो दिन में जारी नहीं किया जाता है. 40 फीसदी तत्काल के मामले में निर्धारित समय का पालन नहीं हो पाता है.

Next Article

Exit mobile version