आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों का प्रमाण पत्र होगा 10+2 के समकक्ष : सुशील मोदी
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने कार्यालय कक्ष में श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की, जिसमें आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों के प्रमाण पत्र को 10+2 के समकक्ष मान्यता देने का निर्णय लिया गया. वर्षों से बंद पड़ी एप्रेंटिस योजना के तहत राज्य के अंदर व बाहर के उद्योगों […]
पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने कार्यालय कक्ष में श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की, जिसमें आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों के प्रमाण पत्र को 10+2 के समकक्ष मान्यता देने का निर्णय लिया गया. वर्षों से बंद पड़ी एप्रेंटिस योजना के तहत राज्य के अंदर व बाहर के उद्योगों में आईटीआई के छात्रों को 2 साल की ट्रेनिंग व चालू वित्तीय वर्ष में निर्माण मजदूरों के कौशल विकास के लिए 300 करोड़ की विशेष योजनाएं कार्यान्वित की जायेगी. राज्य के 51 प्रखंडों को बालश्रम मुक्त करने के अभियान के साथ 7 जिलों में विशेष प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जायेगी. बिहार निजी नियोजन कानून बना कर सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं से ठगी पर अंकुश लगायेगी. बैठक में श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, विभागीय प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह तथा श्रमायुक्त गोपाल मीना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
आईटीआई उत्तीर्ण छात्र आमतौर पर आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं इसलिए सरकार उनके प्रमाण पत्र को 10+2 के समकक्ष की मान्यता प्रदान करेगी. राज्य के 50 आईटीआई के छात्रों को 13 ट्रेड में डिजिटल कंटैंट, 20 आईटीआई के छात्रों को कम्प्यूटर लैब के जरिए कुशल युवा कार्यक्रम का तथा 5 आईटीआई के छात्रों को वेब कास्टिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा.
आईटीआई छात्रों के प्रशिक्षण के लिए निजी संस्थानों से समझौता के तहत यामाहा मोटर की फरीदाबाद फैक्ट्री में 320 छात्र आॅन जाॅब ट्रेनिंग ले रहे हैं. सेमसंग इंडिया ने महिला आईटीआई, पटना में प्रशिक्षण केंद्र, मारुति सुजुकी ने मुजफ्फरपुर, पटना और भागलपुर में तथा हुंडई मोटर्स ने मुजफ्फरपुर में प्रशिक्षण के लिए कर्मशाला की स्थापना की है. जाने माने ब्यूटिशियन जावेद हबीब पटना में ब्यूटी एंड वेलनेस की ट्रेनिंग देंगे.
वर्ष 2017-18 में करीब एक लाख निर्माण मजदूरों का आॅनलाइन निबंधन किया गया है. अब तक कुल 10 लाख निर्माण मजदूर निबंधित है. पहली बार 2017-18 में 40 हजार निर्माण मजदूरों को 61 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है. प्रति वर्ष करीब 265 करोड़ रुपये निर्माण उद्योग से सेस के तौर पर प्राप्त होता है और वर्तमान में इस मद में 11 सौ करोड़ रुपये जमा है.