एनआईए की पांच सदस्यीय टीम कर रही है कैंप, बोधगया दहलाने के फिराक में है आतंकी
बोधगया : पहली बार सात जुलाई 2013 व दूसरी बार 19 जनवरी 2018 को बोधगया में बमों के माध्यम से दहलाने की कोशिश कर चुके आतंकी संगठनों की नजर एक बार फिर से महाबोधि मंदिर व बोधगया पर टिक गयी है. शांति व अहिंसा का संदेश प्रसारित करनेवाली बुद्ध भूमि बोधगया को दहलाने की फिराक […]
बोधगया : पहली बार सात जुलाई 2013 व दूसरी बार 19 जनवरी 2018 को बोधगया में बमों के माध्यम से दहलाने की कोशिश कर चुके आतंकी संगठनों की नजर एक बार फिर से महाबोधि मंदिर व बोधगया पर टिक गयी है.
शांति व अहिंसा का संदेश प्रसारित करनेवाली बुद्ध भूमि बोधगया को दहलाने की फिराक में आतंकी संगठन से जुड़े लोग जुट चुके हैं. संभवत : इसी के मद्देनजर खुफिया इनपुट के बाद पिछले तीन दिनों से एनआईए की पांच सदस्यीय टीम बोधगया में कैंप कर रही है.
हालांकि, एनआईए की टीम का बोधगया में कैंप करने के उद्देश्य का खुलासा नहीं हो पाया है, पर पुलिस महकमे में यह कयास लगाया जाने लगा है कि बोधगया ब्लास्ट के पांचों आरोपितों को एनआइए कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद उक्त संगठन से जुड़े अन्य लोग एक फिर से महाबोधि मंदिर व बोधगया में बम प्लांट करने का मंसूबा पाल रखे हैं. सूत्रों से पता चला है कि आतंकी संगठन द्वारा इसके लिए रेकी भी की जा सकती है व पहले से इसकी रूपरेखा तैयार की जा सकती है.
बोधगया कैंप करने पहुंची एनआईए की टीम ने चुपके से महाबोधि मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था का भी जायजा लिया है. साथ ही, बोधगया के इंट्री प्वाइंट व अन्य संवेदनशील स्थानों का भी जायजा लिया गया है.
2013 में भी की गयी थी रेकी : बोधगया ब्लास्ट की जांच में तब शामिल एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक, सात जुलाई से पहले ही महाबोधि मंदिर सहित 80 फुट बुद्ध मूर्ति, तेरगर मोनास्टरी व अन्य स्थानों की रेकी कर ली गयी थी.
महाबोधि मंदिर के किन-किन स्थानों पर बमों को प्लांट किया जाना है व उसे मंदिर के अंदर कब और किस तरह पहुंचाना है, इसका खाका पहले ही तैयार कर लिया गया था. यह भी तय था कि महाबोधि मंदिर परिसर में बमों को कौन रखेगा व 80 फुट बुद्ध तक बम लेकर कौन जायेगा. प्रारूप तैयार होने के बाद बमों को रांची के जंगल में टेस्ट भी कर लिया गया था. जांच के दौरान तब एनआईए ने टेस्ट किये गये बमों के सिलिंडर के टुकड़े भी बरामद किये थे.
टीम ने बम ब्लास्ट में शामिल आरोपितों से अन्य बिंदुओं पर भी जानकारी प्राप्त की थी. इसके बाद पिछले 19 जनवरी को भी बोधगया में बमों को प्लांट करने से पहले रेकी की गयी थी. हालांकि, तब महाबोधि मंदिर की सुरक्षा काफी चौकस होने के कारण मंदिर परिसर के अंदर बमों को प्लांट नहीं किया जा सका था और कालचक्र मैदान के पास एक थर्मस फ्लास्क के विस्फोट होने के बाद अन्य स्थानों पर प्लांट बमों को विस्फोट से पहले ही बरामद कर लिया गया था.