पटना : आतंक का रूप ले चुका है प्लास्टिक : विजय चौधरी
पटना : प्लास्टिक का असीमित और अनियंत्रित उपयोग इन दिनों आतंक का रूप ले चुका है. इस पर नियंत्रण के लिए लोगों में जागरुकता फैलाना आवश्यक है. पर्यावरण और प्रकृति का तालमेल आवश्यक है. हम जल और हवा सहित प्राकृतिक संसाधनों के ट्रस्टी स्वरूप हैं. इनका इस तरह उपयोग हो जिससे कि दैनिक आवश्यकता की […]
पटना : प्लास्टिक का असीमित और अनियंत्रित उपयोग इन दिनों आतंक का रूप ले चुका है. इस पर नियंत्रण के लिए लोगों में जागरुकता फैलाना आवश्यक है. पर्यावरण और प्रकृति का तालमेल आवश्यक है. हम जल और हवा सहित प्राकृतिक संसाधनों के ट्रस्टी स्वरूप हैं. इनका इस तरह उपयोग हो जिससे कि दैनिक आवश्यकता की पूर्ति के साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी लाभ हो सके.
स्वयं जागिये और दूसरों को जगाइये. ये बातें बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहीं. वे विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण को औद्योगिक क्रांति और बढ़ती जनसंख्या से बहुत हानि हुई है. उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित पदार्थों ने पर्यावरण बहुत नुकसान पहुंचाया. वहीं, बढ़ती जनसंख्या से प्रकृति और पर्यावरण पर बोझ बढ़ा. विकास के नाम पर पेड़-पौधों की अंधाधुंध कटायी हुई, जंगल कम हो रहे हैं.
जल, मिट्टी सहित सभी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हुआ. उन्होंने कहा कि जिस समय पर्यावरण के खतरे की बात नहीं थी, उस समय हमारे देश के नेतृत्व ने पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया था. महात्मा गांधी ने प्रकृति औरपर्यावरण को लेकर न्यासधारिता का सिद्धांत दिया था. उन्होंने प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के बारे में जितनी बातें कही थीं आज उन्हें लागू किया जा रहा है.
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री सह पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई निर्णय लिये हैं. यह पांच जून से प्रभावी हो गया है.