बिहार की टाॅपर कल्पना को लेकर उठे सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा- योग्यता पर नहीं करें संदेह, कल्पना को….
पटना : बिहार बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद एक बार फिर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सवालों के घेरे में है. इस बार साइंस टॉपर कल्पना के नियमित छात्रा के रूप में विद्यालय में उपस्थिति को लेकर मामला उलझता जा रहा है. एक तरफ शिक्षा विभाग और परीक्षा समिति जहां अटेंडेंस में 75 प्रतिशत अनिवार्यता […]
पटना : बिहार बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद एक बार फिर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति सवालों के घेरे में है. इस बार साइंस टॉपर कल्पना के नियमित छात्रा के रूप में विद्यालय में उपस्थिति को लेकर मामला उलझता जा रहा है. एक तरफ शिक्षा विभाग और परीक्षा समिति जहां अटेंडेंस में 75 प्रतिशत अनिवार्यता का कोई नियम नहीं होने का हवाला दे रहा है. वहीं, दूसरी ओर सिमुलतला के प्राचार्य डॉ राजीव रंजन ने कल्पना के टॉपर बनने पर सवाल उठाते हुए दूसरे स्थान पर आनेवाले अपने विद्यालय के छात्र को टॉपर बनाने का दावा किया है.
इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम घोषित किये जाने के बाद उठे विवाद पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का कहना है कि कल्पना ने अपनी योग्यता को एनईईटी टॉपर होकर साबित कर दिया है. उसकी सराहना की जानी चाहिए. अनावश्यक विवाद नहीं किया जाना चाहिए. परीक्षा परिणाम घोषित करने के पहले सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है.
She has merit&proved it by being NEET topper. She must be appreciated. There shouldn't be unnecessary controversy. All procedure was followed&only then she was allowed to take exam: Krishnanand Verma, Bihar Education Min on attendance of Kalpana Kumari, NEET topper in class 12th pic.twitter.com/CTl1LfgWGv
— ANI (@ANI) June 7, 2018
छुट्टियों में करती थी कोचिंग : कल्पना
विद्यालय में उपस्थिति को लेकर हो रहे उठ रहे विरोध के बाद कल्पना ने भी अपनी बात रखी है. कल्पना का कहना हैकि वह कॉलेज में नियमित रूप से कक्षा जाती थी. सिर्फ छुट्टियों के दौरान ही कोचिंग करती थी. इस वजह से ही वह मुजफ्फरपुर, दिल्ली और पटना में कोचिंग करती थी. लेकिन, कभी भी कॉलेज की कक्षा को दरकिनार नहीं किया. उन्होंने बताया कि 10 वीं की परीक्षा के बाद काफी समय मिला था. उस वक्त भी कोचिंग की थी. भविष्य में किसी तरह की समस्या नहीं हो़, इसलिए उपस्थिति को लेकर हमेशा सजग रहती थी.