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नीतीश को गठबंधन का नेता घोषित किये जाने से RLSP नाराज, NDA के भोज में शामिल नहीं होंगे कुशवाहा

पटना : बिहार में एनडीए में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. सूबे में एनडीए के भोज से पहलेइसबातके संकेतभी मिलरहे है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक एनडीए की सहयोगी दल रालोसपा के प्रमुख एवं केंद्रीयमंत्री उपेंद्र कुशवाहाबिहारमेंजदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता घोषित किये जानेसे नाराज चल रहेहै.और इसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2018 4:03 PM

पटना : बिहार में एनडीए में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. सूबे में एनडीए के भोज से पहलेइसबातके संकेतभी मिलरहे है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक एनडीए की सहयोगी दल रालोसपा के प्रमुख एवं केंद्रीयमंत्री उपेंद्र कुशवाहाबिहारमेंजदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता घोषित किये जानेसे नाराज चल रहेहै.और इसी कड़ी में उन्होंने एनडीएकेभोज में आज शामिल नहीं होनेकाफैसला लिया है.

वहीं, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बिहार मेंएनडीएगठबंधनको जारीसियासीबयानबाजी पर प्रतिक्रियादेते हुए कहा, हम विचारधारा और नीतियों के आधार पर एनडीए के साथ हैं, लेकिन यह कहना झूठ नहीं होगा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. हमें जिस तरह से प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली.

इससे पहले जदयू के प्रधान महासचिव सह प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि अब चुनाव का वक्त आ गया है. सभी दलों की समस्याओं व सुझावों को दूर करने की दिशा में पहल होनी चाहिए. एनडीए को यह उदारता जदयू से सीखनी चाहिए. जिस प्रकार से बिना विधायक बने लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस को राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया. ऐसी दरियादिली एनडीए को भी दिखानी चाहिए. जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, पंजाब में अकाली दल और महाराष्ट्र में शिवसेना सबसे पुरानी पार्टी है उसको इंगेज करना चाहिए. टीडीपी का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुभवी नेता हैं, उनका राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए को इस्तेमाल करना चाहिए. अमित शाह ने जो बातचीत की शुरुआत की है, उसका पार्टी स्वागत करती है.

दरअसल केसी त्यागी ने उद्धव ठाकरे और अमित शाह की मुलाकात पर ये बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये अच्छा कदम है, लेकिन देर से उठाया गया कदम है. टीडीपी अलग हो चुके हैं और शिवसेना भी एनडीए से बाहर आने को तैयार है, यहां तक कि पीडीपी से भी गठबंधन न के बराबर है. अकाली दल भी रूठे हैं. जदयू महासचिव ने कहा कि जनता हमेशा नीतीश कुमार का समर्थन करती है और उन्हें नहीं हटाना चाहती है. कुछ षड्यंत्रकारी ताकतें हैं जो नीतीश कुमार को हटाने में लगी हैं, ताकि बिहार में एक बार फिर जंगलराज और माफियाराज की वापसी हो सके.

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