पटना : नये विवि बने पर राह के नहीं हटे कांटे
पटना : राज्य सरकार ने पाटलिपुत्र, मुंगेर और पूर्णिया तीन नये विश्वविद्यालय बना तो दिये, लेकिन अफसरशाही ने इनकी राह में अभी से कांटे बिछा दिये हैं. उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी कहें अथवा पुराने विश्वविद्यालयों का अपनी संपत्ति से मोह कुलाधिपति के आदेश के बाद भी नये विश्वविद्यालयों को उनके हिस्से में […]
पटना : राज्य सरकार ने पाटलिपुत्र, मुंगेर और पूर्णिया तीन नये विश्वविद्यालय बना तो दिये, लेकिन अफसरशाही ने इनकी राह में अभी से कांटे बिछा दिये हैं.
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी कहें अथवा पुराने विश्वविद्यालयों का अपनी संपत्ति से मोह कुलाधिपति के आदेश के बाद भी नये विश्वविद्यालयों को उनके हिस्से में आयी संपत्तियां आदि नहीं मिली है.
नतीजा यह है कि अस्तित्व में आने के तीन माह के अंदर ही यूनिवर्सिटी के गेट पर छात्र तालाबंदी कर आक्रोश जता रहे हैं. बिहार में तीन नये विश्वविद्यालय बने हैं, इनमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विवि बोधगया से कट कर बना है.
टीएमयू भागलपुर से कट कर मुंगेर और बीएन मंडल विवि मधेपुरा से कट कर पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है. कुलाधिपति ने 18 मार्च को ही इन विश्वविद्यालयों की संपत्तियों और कार्यक्षेत्र आदि के बंटवारे पर अपनी मुहर लगा दी, लेकिन अभी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है.
विश्वविद्यालयों में बंटवारे को लेकर खींचतान हो रही है. मगध विवि के अधीन आनेवाले 44 काॅलेज में से पाटलिपुत्र विवि के हिस्से में 25 कॉलेज आये हैं. मगध विवि का 55% हिस्सा पाटलिपुत्र के खाते में चला गया है, लेकिन मगध विवि हस्तांतरण करने में रुचि नहीं ले रहा है.
पद सृजित हुए, लेकिन भर्ती शुरू नहीं हुई
सरकार ने पाटलिपुत्र विवि में नॉन टीचिंग स्टाफ के 33 व मुंगेर में 48 पद सृजित किये हैं. इनके लिए भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है. इससे कुलपति व रजिस्ट्रार तक का कार्य बाधित हो रहा है.
काॅलेज मिल गये फंड भी मिल जायेगा : कुलपति मुंगेर : टीएमयू भागलपुर से कट कर बना मुंगेर विश्वविद्यालय में आॅल इज वेल है. मुंगेर के कुलपति प्रो आरके वर्मा का कहना है कि कॉलेज और फाइल का हस्तांतरण हो गया है. फंड के ट्रांसफर की प्रक्रिया जारी है. टीएमयू से उनको पूरा सहयोग मिल रहा है. मुंगेर विवि विकास के पथ पर है.