हाजीपुर-सुगौली रेलखंड पर बिछायी जा रही पटरी
पटना : बजट की कमी से वर्षों से अटकी 148.3 किलोमीटर लंबी हाजीपुर-सुगौली रेलखंड पर पटरी बिछाने का काम शुरू हो चुका है. रेल मंत्रालय ने इस अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के लिए वर्ष 2018-19 के रेल बजट में 100 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है. इस रेलखंड पर अब भी कई […]
पटना : बजट की कमी से वर्षों से अटकी 148.3 किलोमीटर लंबी हाजीपुर-सुगौली रेलखंड पर पटरी बिछाने का काम शुरू हो चुका है. रेल मंत्रालय ने इस अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के लिए वर्ष 2018-19 के रेल बजट में 100 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है. इस रेलखंड पर अब भी कई जगह स्थानीय लोगों से जमीन विवाद है.
इस कारण काम में बाधा दूर करने के लिए राज्य सरकार से सहयोग मांगा गया है. इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाने से करीब डेढ़ करोड़ लोगों को फायदा होगा. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह रेलखंड बुद्ध रेल परिक्रमा की एक महत्वपूर्ण कड़ी है.
यह वैशाली को चंपारण से जोड़ती है. इसमें लाभान्वित होने वाले जिले वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण हैं. इस रेलखंड पर चार हाॅल्ट समेत 15 स्टेशन हैं. इसमें पुल-पुलियों की कुल संख्या 212 है. इसमें छह बड़े पुल शामिल हैं.
चार हॉल्ट समेत 15 स्टेशन शामिल : रेल परियोजना के तहत वैशाली जिले के घोसवर, हरौली, फतेहपुर, घटारों, लालगंज व वैशाली, मुजफ्फरपुर जिले के सरैया, पारू, देवरिया, साहेबगंज और पूर्वी चंपारण के केसरिया, सिसवा, पटना, विशुनपुर, मधुवन, अरेराज व हरसिद्धि में रेलवे स्टेशन होंगे. पश्चिम चंपारण का एक रामपुर स्टेशन होगा.
तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने किया था शिलान्यास
इस रेल लाइन को बनाने के लिए 10 फरवरी, 2004 को तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया था. उस समय इसे वर्ष 2009 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य था. बाद में इसे पूरा करने में पैसे की कमी बड़ी बाधा बन गयी. इसके बाद इसका लागत खर्च बढ़ता चला गया. अब कुल खर्च करीब 1500 करोड़ रुपये तक होने की संभावना जतायी जा रही है.