पटना : केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए शरद यादव सोमवार को सड़क पर उतरे. उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को व्यापार और उद्योग विरोधी बताया. साथ ही पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी की वजह से ही महंगाई चरम पर है. देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं. बेकारी और बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल ने सोमवार को कारगिल चौक से आक्रोश मार्च का आयोजन किया था. साइकिल, टमटम और बैलगाड़ियों पर निकले इस जुलूस को राजभवन तक जाना था. साथ ही शरद यादव राज्यपाल से भी मिलनेवाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास ही रोक दिया.
शरद यादव ने कहा कि देश आज संकट के दौर से गुजर रहा है. प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ. अब बेकारी और बेरोजगारी बढ़ रही है. 19,95,000 करोड़ रुपये लेकर लोग देश छोड़ गये. सरकार में बड़े पैमाने पर लूट मची है. इन सबसे महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है. इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महागठबंधन छोड़ कर वह एनडीए में शामिल हो गये. इस तरह उन्होंने प्रदेश के 11 करोड़ लोगों को चोट पहुंचायी. आनेवाले समय में उन्हें जनता सबक सिखायेगी. आजादी और लोकतंत्र बचना चाहिए और कुचला हुआ लोकतंत्र वापस होना चाहिए.
पूर्व सांसद अर्जुन राय ने लाठी चार्ज का लगाया आरोप
आक्रोश मार्च को राजभवन जाने के रास्ते में जेपी गोलंबर पहुंचने पर पुलिस ने रोक दिया. इसके बाद शरद यादव ने आक्रोश मार्च के समापन की घोषणा कर दी. पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैरियर पार करने की कोशिश की, इस दौरान पुलिस से उनकी धक्का-मुक्की और झड़प हुई. अर्जुन राय सहित कुछ नेता गिर गये. उन्होंने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया.