पटना : सृजन घोटाले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल लोगों की मुश्किल अब ज्यादा बढ़ने वाली है. सीबीआई के साथ ही अब इन पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का भी शिकंजा कसने जा रहा है. ईडी ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है. अवैध संपत्ति मामले में ईडी की इस जांच में पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट) के तहत कई लोगों की संपत्ति जब्त होने जा रही है.
ईडी ने कुछ दिनों पहले ही सीबीआई की दर्ज एफआईआर को आधार बनाते हुए अपने स्तर से ईसीआईआर (इंफोर्समेंट केस इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट) दर्ज करते हुए सभी स्तर पर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई की जांच के साथ-साथ ही ईडी की भी जांच चलेगी. सीबीआई पीसी (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन) एक्ट के तहत जांच कर रही है.
जबकि, ईडी पीएमएलए के तहत जांच करेगी. इसमें फंसे सभी आरोपितों पर दोनों एजेंसियों की तरफ से सख्त कार्रवाई की जायेगी. सीबीआई ने इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट जमा कर दी है. 19 से ज्यादा लोगों को अभियुक्त बनाते हुए अब तक करीब 17 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
ईडी की तरफ से दर्ज मामले में शुरुआती स्तर पर उनकी संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू की जायेगी, जो इस केस में नामजद अभियुक्त या गिरफ्तार हैं.
इन सभी स्तर पर अवैध संपत्ति के जुड़े मामले की छानबीन की जायेगी. इस मामले के सभी प्रमुख अभियुक्तों की अवैध संपत्ति की जांच की जायेगी. इसमें उन लोगों की भी संपत्ति की जांच होने की पूरी संभावना है, जिनके नाम अब तक खुलकर सामने नहीं आये हैं. पैसे के लेन-देन में जो सीधे तौर पर नहीं जुड़े हुए हैं, ऐसे लोगों के नाम फिलहाल सामने नहीं हैं. इन लोगों के खिलाफ भी अवैध संपत्ति मामले में जांच होगी. इसमें कई अधिकारी से लेकर बड़े सफेदपोश या राजनेता भी सामने आ सकते हैं. इन लोगों की अवैध संपत्ति खासकर उन रुपये या संपत्ति की जांच
सरकारी पैसे हड़पने वालों पर विशेष नजर
सृजन घोटाले की अब तक की जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये हैं, जिसमें कुछ सरकारी योजनाओं मसलन मुख्यमंत्री ग्रामोदय योजना, चतुर्थ, पंचम एवं 13वें वित्त आयोग से प्राप्त पैसे, बीआरजीएफ योजना समेत ऐसी अन्य सरकारी योजनाओं के रुपये की बड़े स्तर पर धांधली हुई है.
इन सरकारी योजनाओं में रुपये की धांधली करने वाले लोगों की अलग से पहचान कर इनके खिलाफ ईडी के स्तर से खासतौर से कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा मनोरमा देवी के साथ कुछ लोगों के संयुक्त बैंक खाते भी पाये गये हैं, जिनमें लाखों सरकारी रुपये ट्रांसफर किये गये हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ भी पीएमएलए के तहत जांच कर कार्रवाई की जायेगी.