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पटना : 2014 के लोकसभा चुनाव के परिणाम दे रहे हैं एनडीए को विधानसभा की 228 सीटों पर ऊर्जा, जानें

शशिभूषण कुंवर पटना : बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में एनडीए को 228 सीटों पर मिली बढ़त की उसे ऊर्जा मिल रही है. इन सीटों का आधार 2014 का लोकसभा चुनाव है. इस चुनाव में बिहार में राजद-कांग्रेस के बीच गठबंधन था. भाजपा के साथ एनडीए में लोजपा और रालोसपा शामिल थी. जदयू अकेले […]

शशिभूषण कुंवर
पटना : बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में एनडीए को 228 सीटों पर मिली बढ़त की उसे ऊर्जा मिल रही है. इन सीटों का आधार 2014 का लोकसभा चुनाव है. इस चुनाव में बिहार में राजद-कांग्रेस के बीच गठबंधन था. भाजपा के साथ एनडीए में लोजपा और रालोसपा शामिल थी. जदयू अकेले चुनाव मैदान में उतरा था और उसे 16 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे.
2014 के लोकसभा चुनाव पर गौर करें और वर्तमान एनडीए, जिसमें जदयू, भाजपा, लोजपा और रालोसपा के प्राप्त वोटों को देखें तो एनडीए को 228 सीटों पर बढ़त मिल रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव के प्राप्त मतों के अनुसार महागठबंधन को महज 15 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए पर सफलता मिलती दिख रही है. लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम के आंकड़ों के अनुसार राज्य में विधानसभा की पांच ऐसी सीटें हैं जिस पर एनडीए को एक लाख से अधिक मतों का लीड मिला था.
इसी तरह से विधानसभा की चार ऐसी सीटें हैं, जहां पर वर्तमान एनडीए को 90 हजार से एक लाख तक बढ़त वाले वोट प्राप्त हुए. राज्य की 15 ऐसी विधानसभा की सीटें हैं, जहां एनडीए को 70-80 हजार की बढ़त मिलती दिख रही है. इसी तरह से राज्य की 14 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए के पक्ष में 60-70 हजार का मार्जिन है. राज्य की जनता ने 25 विधानसभा क्षेत्रों में 50-60 हजार से एनडीए की बढ़त दी थी.
इसी तरह से राज्य की 46 विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए की 40-50 हजार मतों की बढ़त है. विधानसभा की 40 ऐसी सीटें हैं जिन पर एनडीए को 30-40 हजार की बढ़त है. विधानसभा की 44 सीटों पर एनडीए ने 20-30 हजार की बढ़त है. विधानसभा की 21 सीटों पर एनडीए को 10-20 हजार की बढ़त, जबकि राज्य की महज 10 ऐसी विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां एनडीए को 10 हजार तक की बढ़त है.
बहुमत की ओर कर रहे हैं इशारा
महागठबंधन को 15 सीटों पर दिखती है बढ़त
2014 के लोकसभा चुनाव को आधार बनाया जाये तो वर्तमान महागठबंधन के पक्ष में सिर्फ 15 विधानसभाओं में बढ़त मिलती दिख रही है. जिन विधानसभाओं में महागठबंधन को 2014 के लोकसभा चुनाव के आधार पर बढ़त मिलती दिख रही है, उनमें नरकटियागंज, बिस्फी, केवटी, अररिया, जोकीहाट, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर, वायसी, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी और बीहपुर शामिल हैं. 2010 का चुनाव हो सकता है आदर्श : केसी त्यागी
जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के परिणाम वर्तमान एनडीए के लिए प्रचंड बहुमत की ओर इशारा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनडीए बहुत ही विश्वसनीय व नेचुरल गठबंधन है. इस गठबंधन का प्रयोग बहुत पहले भी हुआ है. एनडीए-1 और एनडीए-2. उसमें आत्मविश्वास रहता था, वह आज भी है. बिहार के विकास का नमूना है. 2010 उसका उदाहरण है.
उसमें मुस्लिम ने भी भाजपा को वोट दिया था. ऐसे में वर्ष 2010 एनडीए का आदर्श क्यों नहीं हो सकता है. भाजपा भी उस समय प्रतिष्ठाके शिखर पर थी. उस दौर में दिल्ली के टीवी चैनल नीतीश कुमार को बुलाकर पुरस्कृत करते थे. राजद विधानसभा में 22 सीटों पर थी. ऐसी ही गवर्नेंस और सामाजिक तानाबाना व सांप्रदायिक सौहार्द्र नीतीश कुमार व जदयू के फ्रेम में है. इसमें भाजपा के साथ कोई अंतर-विरोध नहीं है.

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