बिहार में विवि शिक्षकों की बहाली के लिए शीघ्र होगा आयोग का गठन : सुशील मोदी

पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की ओर से आयोजित ‘बिहार की राजनीति में छात्र नेताओं की भूमिका सह छात्र संवाद’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली के लिए शीघ्र अलग आयोग का गठन किया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष से ऐसी व्यवस्था की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2018 7:21 PM

पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की ओर से आयोजित ‘बिहार की राजनीति में छात्र नेताओं की भूमिका सह छात्र संवाद’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली के लिए शीघ्र अलग आयोग का गठन किया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष से ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि शिक्षकों पर समय पर वेतन मिले. विश्वविद्यालयों के सत्र नियमित किये जा रहे हैं तथा वर्तमान सत्र से सभी विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

बिहार देश का पहला राज्य है जो उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को अपने कोष से बिना गारंटर के 4 लाख रुपये के शिक्षा ऋण के अतिरिक्त रहने-खाने व किताब-कॉपी के लिए 60 हजार रुपये का कर्ज देगी. यह कर्ज छात्रों को 4 प्रतिशत जबकि छात्राओं को मात्र 1 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जायेगा. नौकरी मिलने तक छात्रों से कर्ज की वसूली नहीं होगी. छात्रों से अपील की कि इस योजना का अधिक से अधिक संख्या में लाभ लें.

सुशील मोदी ने कहा कि नेतृत्व का मतलब केवल एमपी, एमएलए बनना नहीं है बल्कि समाज के हर क्षेत्र को इसकी जरूरत है. नेतृत्व को ईमानदार होना चाहिए. राजनीति धनार्जन के लिए नहीं सेवा का माध्यम होना चाहिए. अगर कोई छात्र संघ की राजनीति से आगे आना चाहता है तो उसमें निःस्वार्थ समाज सेवा की भावना होनी चाहिए.

डिप्टी सीएम ने कहा कि छात्र संघ के जरिये अनेक नेता राजनीति में आये, जिनमें अरुण जेटली, सत्यपाल मलिक, विजय गोयल, आरिफ मोहम्मद खान, स्व. दिग्विजय सिंह, नीतीश कुमार, अश्विनी चौबे, संजय कुमार, अनिल शर्मा आदि प्रमुख हैं जिन्होंने देश और राज्य की राजनीति को दिशा दिया है.

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