पटना : भाड़े पर एके-47 लेकर दे रहे हत्याओं को अंजाम

विजय सिंह एक साथ तीन दर्जन गोलियां उगलनेवाला यह हथियार सुपारी किलरों के बीच लोकप्रिय पटना : मुंगेर ब्रांड एके-47 ने अपराध जगत में खलबली मचा दी है. बिहार, यूपी और झारखंड के बड़े अपराधियों के पास यह हथियार पहुंच चुका है. अब इसे भाड़े पर दिया जा रहा है. किसी का मर्डर करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2018 8:44 AM
विजय सिंह
एक साथ तीन दर्जन गोलियां उगलनेवाला यह हथियार सुपारी किलरों के बीच लोकप्रिय
पटना : मुंगेर ब्रांड एके-47 ने अपराध जगत में खलबली मचा दी है. बिहार, यूपी और झारखंड के बड़े अपराधियों के पास यह हथियार पहुंच चुका है.
अब इसे भाड़े पर दिया जा रहा है. किसी का मर्डर करने के लिए एके-47 सुपारी किलर की पहली पसंद है. दरअसल एक साथ करीब तीन दर्जन गोलियां उगलने वाला यह हथियार उन्हीं के पास है, जिनकी छवि अापराधिक है, लेकिन वे राजनीतिक गलियारे में या तो पहुंच रखते हैं या फिर खुद की पहचान ही वैसी ही रखते हैं. इन लोगों पर पुलिस भी हाथ डालने से बचती है. एके-47 रखने वाले अपराधियों का आपसी नेटवर्क अंतरराज्यीय है. ये लोग बिहार, यूपी, झारखंड में बैठे हैं और तीनाें स्टेट के शूटर इनके संपर्क में बने हुए हैं.
एके-47 का भाड़ा जोड़ कर शार्प शूटरों ने बढ़ायी सुपारी की रकम : अब शार्प शूटरों ने सुपारी की रकम को बढ़ दिया है. सुपारी लेने से पहले शूटर यह देख रहे हैं कि जिस शख्स का मर्डर करना है, उसके पास सरकारी बाॅडीगार्ड, निजी बाॅडीगार्ड हैं या नहीं, हैं भी तो कितने हैं, उसके साथ कितने असलाधारी चलते हैं.
इसकी पड़ताल के बाद असलहाधारियों के बीच हमेशा महफूज रहने वाले लोगों को मारने के लिए वह सीधे एके-47 की डील कर रहे हैं. हाल ही में पकड़े गये कुख्यात विकास और भोला यादव के बीच हुई डील के मुताबिक एके-47 और 500 राउंड गोली के लिए करीब 8 लाख रुपये में सौदा तय हो रहा था. मतलब कि शूटर को एके-47 पाने के लिए लाखों में भाड़ा देना पड़ रहा है. यही वजह है कि शूटर बड़ी शख्सियत की हत्या के लिए करीब 50 लाख से एक करोड़ तक की सुपारी ले रहे हैं. एके-47 का भाड़ा भी इसी में वसूल रहे हैं.
भाड़े के असलहे को बरामद करना पुलिस के लिए रहती है चुनौती : शूटर एके-47 से हत्या करने के बाद असलहासीधे बड़े अपराधियों को वापस पहुंचा दे रहे हैं.
फिर पुलिस हत्या के बाद यह जानते हुए कि हत्या एके-47 से हुई है, कुछ नहीं कर पाती. अगर अपराधी को पकड़ भी लेती है, तो यह आधुनिक हथियार बरामद नहीं होता. पकड़े गये हत्यारोपित पुलिस के सामने तो कुबूल कर लेते हैं कि हत्या उन्होंने एके-47 से की है लेकिन यह बयान कोर्ट में बदल जाता है. वहीं पुलिस असलहा बरामद नहीं कर पाती. अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए ठोस सबूत और बड़े पुलिस पदाधिकारियों को ही मोर्चा खोलना पड़ेगा.
बिहार में एके-47 से कई लोगों की हो चुकी है हत्या
बिहार में मुकेश पाठक एके-47 से कई हत्याओं को अंजाम दे चुका है. कुख्यात संतोष झा के गैंग की कमान संभाल रहे मुकेश ने 26 दिसंबर, 2015 को साथियों के साथ मिल कर दरभंगा में सड़क निर्माण में लगी कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या कर दी थी. इससे पहले दिसंबर में ही शिवहर में बिजली कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या में भी उसका नाम आया था.
मुकेश के खिलाफ दरभंगा के अलावा मोतिहारी, सीतामढ़ी, शिवहर और गोपालगंज में हत्या, रंगदारी, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और महिला अत्याचार के मामले दर्ज हैं. पटना में बृजनाथी सिंह हत्याकांड, दीना गोप हत्याकांड के अलावा अन्य जिलों में भी एके-47 से हत्याएं हुई हैं.

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