20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

CM नीतीश का नीति आयोग को सुझाव : महिलाओं और बुजुर्ग कैदियों को गांधी की 150वीं जयंती पर मिले क्षमादान

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर महिलाओं और बुजुर्ग कैदियों को क्षमादान दिया जाये. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए कानून में कोई प्रावधान की आवश्यकता पड़े, तो उस पर भी […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर महिलाओं और बुजुर्ग कैदियों को क्षमादान दिया जाये. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए कानून में कोई प्रावधान की आवश्यकता पड़े, तो उस पर भी विचार किया जा सकता है.नयी दिल्ली में रविवार को नीति आयोग की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के आयोजन के संबंध में प्रकाश डालते हुए तीन सुझाव दिये.

पहला सुझाव

बिहार सरकार ने स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा गांधी जी के जीवन और आदर्शों पर दो पुस्तकें तैयार करायी हैं. इनमें रोचक प्रसंगों और कहानियों के जरिये महात्मा गांधी के जीवन प्रसंग दर्शाया गया है. पहली पुस्तक ‘बापू की चिट्ठी’ कक्षा तीन से आठ वर्ग के लिए और दूसरी पुस्तक ‘एक था मोहन’ कक्षा नौ से 12 वर्ग के लिए है. उन्होंने कहा कि हमारा सुझाव है कि गांधी जी की 150वीं जयंती पर उनके जीवन प्रसंग और जीवन परिचय पर आधारित पुस्तकों को देश के सभी विद्यालयों में उपलब्ध कराने से सभी राज्यों के छात्र-छात्राओं को बापू के जीवन और आदर्शों को जानने, समझने और अनुकरण करने का अवसर मिलेगा.

दूसरा सुझाव

बापू के आदर्श, चिंतन और विचारों को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘बापू आपके द्वार’ का आयोजन बिहार सरकार ने किया है. साथ ही बापू के संदेशों को सूबे के डेढ़ करोड़ घरों में वितरित किया गया है. इस तरह की पहल पूरे देश में की जा सकती है.

तीसरा सुझाव

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारत में विशेष अवसरों पर सामूहिक क्षमा की प्रथा रही है. गांधी जी की 150वीं जयंती पर हमारा सुझाव हो गा कि गंभीर मामले में संलिप्त विचाराधीन कैदी और दोषसिद्ध अपराधियों को छोड़ कर छोटे मामलों के महिला और 60 वर्ष से ऊपर यानी बुजुर्ग कैदियों को प्राथमिकता के आधार के सामूहिक क्षमादान देने पर विचार किया जा सकता है. अगर कानून में कोई प्रावधान की जरूरत है, तो उस पर भी विचार किया जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें