पटना : अपनों के ही दुर्व्यवहार के शिकार पटना के 69% बुजुर्ग, 12% की होती है पिटाई भी
पटना : 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की 8% आबादी बुजुर्गों (60 साल से अधिक) की है. हेल्पेज इंडिया के एक सर्वे में पाया गया है कि इस कुल आबादी का 25% हिस्सा नियमित दुर्व्यवहार का शिकार होता है. सर्वे के अनुभवों से पता लगा कि पीड़ित बुजुर्गों में 56% अपमान, 49% मौखिक दुर्व्यवहार […]
पटना : 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की 8% आबादी बुजुर्गों (60 साल से अधिक) की है. हेल्पेज इंडिया के एक सर्वे में पाया गया है कि इस कुल आबादी का 25% हिस्सा नियमित दुर्व्यवहार का शिकार होता है.
सर्वे के अनुभवों से पता लगा कि पीड़ित बुजुर्गों में 56% अपमान, 49% मौखिक दुर्व्यवहार और 33% उपेक्षा के शिकार हैं. इनके अलावा 22% बुजुर्ग आर्थिक शोषण के शिकार हैं, जबकि 12% की पिटाई भी होती है. खास बात है कि वे पिछले पांच सालों से इसका सामना कर रहे थे, लेकिन इनमें से 82% ने मामले की रिपोर्ट नहीं की. बुजुर्गों की यह स्थिति तब है जब 2026 तक उनकी आबादी बढ़ कर 12.6% और 2050 तक 20% होने की उम्मीद है. सर्वे में 65% बुजुर्गों ने कहा कि उनके रिश्तेदार फोन-कंप्यूटर पर अधिक ध्यान दे रहे हैं. 73% बुजुर्गों ने महसूस किया कि घर पर भी उनके वयस्क बच्चे फोन पर व्यस्त रहते हैं. 60% से अधिक बुजुर्गों कहा कि उनकी संतान उनके साथ गुणवत्तापूर्ण वक्त कम बिता रही है. नाती-पोते भी फोन-कंप्यूटर में व्यस्त रहते हैं. केवल 4% बुजुर्गों ने कहा कि वे इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं.
17% ने ही की शिकायत
सर्वे के मुताबिक अपने प्रति हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत सिर्फ 17% बुजुर्गों ने अपने दोस्त या संबंधियों से की. बुजुर्गों ने शिकायत न करने का मुख्य उद्देश्य घर के आंतरिक मामलों को गुप्त रखना माना. कुछ बुजुर्गों ने समस्या से निबटने की जानकारी का अभाव भी बताया. इस समस्या से किसी भी तरह निबटने की जानकारी सिर्फ 17% बुजुर्ग को है. इसमें सिर्फ एक प्रतिशत बुजुर्गों को माता-पिता भरण पोषण एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण नियमावली के अंतर्गत भरण पोषण अधिकरण की जानकारी है.
यह सर्वेक्षण भारत के 23 छोटे-बड़े शहरों में 5000 से अधिक बुजुर्गों के बीच किया गया. इसमें पटना शहर में सर्वेक्षित 218 बुजुर्गों में 69% ने स्वीकार किया कि उनके साथ दुर्व्यवहार होता है. 35% से अधिक ने इसकी पुष्टि की कि शारीरिक प्रताड़ना व मौखिक दुर्व्यवहार सबसे अधिक होता है. 22% ने बताया कि वे व्यक्तिगत दुर्व्यवहार का सामना कर रहे हैं. 30% से अधिक बुजुर्गों ने बताया कि उन्हें मौखिक दुर्व्यवहार व उपेक्षा का सामना रोज या सप्ताह में एक बार करना पड़ता है. बुजुर्गों ने उनके प्रति हो रहे दुर्व्यवहार के लिए मुख्य रूप से अपने पुत्र (54%) एवं बहू (38%) को जिम्मेदार बताया.
बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार मामले से निबटने के लिए बच्चों को संवेदनशील बनाना होगा. पीढ़ियों के बीच गैप कम करते हुए उसकी बॉंडिंग को मजबूत करना होगा. पीड़ित बुजुर्गों की आर्थिक आजादी के लिए भी काम करना होगा.
गिरीश कुमार मिश्र, राज्य प्रमुख, हेल्पेज इंडिया