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नीतीश भाजपा से नाता तोड़ें तो महागठबंधन में वापसी पर विचार

कांग्रेस के बिहार प्रभारी बोले, पहले सहयोगी दल से करेंगे चर्चा नयी दिल्ली : कांग्रेस ने कहा है कि यदि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं, तो महागठबंधन में वापसी के लिए वह सहयोगी दलों से चर्चा करेगी. कांग्रेस का यह बयान तब आया है, जब लोकसभा चुनाव […]

कांग्रेस के बिहार प्रभारी बोले, पहले सहयोगी दल से करेंगे चर्चा
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने कहा है कि यदि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं, तो महागठबंधन में वापसी के लिए वह सहयोगी दलों से चर्चा करेगी. कांग्रेस का यह बयान तब आया है, जब लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल के संदर्भ में जदयू और भाजपा के बीच कुछ विरोधाभासी बयान सामने आये हैं.
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान व उपेंद्र कुशवाहा का जिक्र करते हुए दावा किया कि बिहार में यह धारणा बन चुकी है कि मोदी सरकार पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के खिलाफ हैं. ऐसे में पिछड़ों व अति पिछड़ों की राजनीति करने वालों के पास भाजपा का साथ छोड़ने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है. यह भी कहा कि भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले गठबंधन का नेतृत्व स्वाभाविक रूप से कांग्रेस के पास होगा. अगले लोकसभा चुनाव में देश की जनता राहुल के नेतृत्व में मोदी को हरायेगी.
नीतीश ही जानें भाजपा संग क्यों गये : गोहिल ने कहा कि नीतीश कुमार अभी फासीवादी भाजपा के साथ हैं. हमें नहीं पता कि उनकी क्या मजबूरी है कि उनके साथ चले गये. दोनों का साथ बेमेल है. यह पूछे जाने पर कि अगर नीतीश फिर से महागठबंधन में वापसी का मन बनाते हैं तो कांग्रेस का क्या रुख होगा तो उन्होंने कहा कि यदि ऐसी कोई संभावना बनती है, तो हम अपने सहयोगी दलों के साथ बैठ कर पहले इस पर जरूरी चर्चा करेंगे.
दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन यदि 2019 के आम चुनाव में भाजपा को एक मजबूत चुनौती पेश करना चाहता है, तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस तरह के किसी गठजोड़ का स्वाभाविक नेता होना चाहिए. यदि कांग्रेस विपक्ष के गठबंधन का नेतृत्व करेगी, तो राहुल स्वत: ही इसके नेता होंगे. शीला ने कहा कि देशहित में मतभेदों को छोड़ कर सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए , ताकि मौजूदा शासन को सत्ता से उखाड़ फेंका जा सके.
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में सहयोगी दलों के साथ बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आयेगी. कुछ महीने पहले बिहार में कुछ स्थानों पर हुई सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देते हुए तेजस्वी ने हाल में कहा था कि अब नीतीश के लिए महागठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं. हाल के दिनों में भाजपा व जदयू के बीच भी कुछ ऐसी बयानबाजी हुई है, जिससे कयास लगाये जा रहे हैं कि दोनों के बीच सब ठीक नहीं है.
सीएम जहां हैं वहां बहुत ही कंफर्टेबल हैं: त्यागी
गोहिल को उनके इस प्रस्ताव के लिए धन्यवाद. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां हैं, वहां बहुत ही कंफर्टेबल हैं. वह हमेशा बिहार के उत्थान और विकास की बातें उठाते हैं और पहले भी उठाते रहे हैं. इसमें किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव, जदयू

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