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पटना : पूरी तरह बंद रही लोडिंग और अनलोडिंग

हड़ताल . ट्रांसपोर्ट नगर से कोईलवर तक खड़े रहे दो हजार से अधिक ट्रक पटना : मंगलवार को ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का पूरा असर दिखा. ट्रांसपोर्ट नगर से कोईलवर तक दो हजार से अधिक ट्रक खड़े रहे और सामान की लोडिंग-अनलोडिंग पूरी तरह बंद रही. बाजार समिति में जहां रोज फल, सब्जी और मछली आदि […]

हड़ताल . ट्रांसपोर्ट नगर से कोईलवर तक खड़े रहे दो हजार से अधिक ट्रक
पटना : मंगलवार को ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का पूरा असर दिखा. ट्रांसपोर्ट नगर से कोईलवर तक दो हजार से अधिक ट्रक खड़े रहे और सामान की लोडिंग-अनलोडिंग पूरी तरह बंद रही. बाजार समिति में जहां रोज फल, सब्जी और मछली आदि लेकर 200-250 बड़ी गाड़ियां आती थीं, आज केेवल 20-25 गाड़ियां पहुंची.
रात में फल, सब्जी और मछली लेकर दानापुर, हाजीपुर से बेगूसराय तक जाने वाले 400 ट्रक खड़े रहे क्योंकि उन पर लोड करने के लिए सामान आया ही नहीं था. ट्रांसपोर्ट नगर में भी 250 से 300 ट्रक हड़ताल के कारण खड़े रहे और इनके लोडिंग-अनलोडिंग का काम नहीं हुआ. थोक किराना मंडी मारुफगंज में सामान लेकर आने वाले ट्रकों की संख्या पहले दिन ही घट कर बहुत कम हो गयी थी. मंगलवार को यह पूरी तरह बंद हो गयी.
पहले से बचे सामान को लेकर मंगलवार की रात खगौल मंडी समेत पटना के आसपास स्थित अन्य मंडियों के लिए ट्रक निकल गये. इससे वहां आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो गयी. लोडिंग के लिए सामान नहीं मिलने से छोटे ट्रकों का भी चक्का जाम हो गया.
कोईलवर में भी ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का पूरा असर दिखा और वहां 500 से ज्यादा ट्रक खड़े दिखे. कई ट्रक बाइपास और एनएच के किनारे और ट्रांसपोर्टरों के घरों के सामने भी खड़े रहे.
एक-दो दिनों में कीमत पर दिखने लगेगा असर : ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है, जिसका असर अगले एक-दो दिनों में उनकी कीमतों पर दिखने लगेगा. फल, सब्जी व मछली जैसी नष्ट होनेवाली चीजों की कीमत में सबसे जल्द वृद्धि होगी.
मंडियों में असर कम
ट्रकचालकों के एक गुट की ओर से की गयी हड़ताल का असर मंडियों में कम है. हालांकि, गर्मी की वजह से व्यापारिक कामकाज में आयी सुस्ती से व्यापारिक वस्तुओं को लाद कर आनेवाले ट्रकों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा थोड़ी घटी है. नतीजतन छोटे पिकअप वैन से मंडियों में व्यापारिक वस्तुओं को भेजा जा रहा है.
हालांकि, हड़ताल लंबी खींची, तो इसका असर मंडियों में पड़ सकता है. इस तथ्य को मंडी के व्यापारी भी स्वीकार कर रहे हैं. हड़ताल का असर नहीं है, बल्कि मंडी के कारोबारियों का तर्क है कि वस्तुओं की आवक अनुकूल ग्राहकी उठाव नहीं होने कामकाज में सुस्ती है. इस तथ्य को किराना मंडी मारुफगंज के संरक्षक वसंत लाला गोलवारा, खाद्य तेल मंडी संघ मारुफगंज के सदस्य कृष्ण कुमार, मसूरगंज अनाज मंडी के गोल्डन कुमार व मारुफगंज के विनय अग्रहरि पप्पू व मनोज केसरी भी मानते हैं.
कुछ इसी तरह की स्थिति मुसल्लहपुर बाजार समिति की भी है. बाजार समिति में कृषक व्यवसायी महासंघ के उपाध्यक्ष वरुण कुमार, सचिव मो साबिर खान व संगठन सचिव शशिकांत प्रसाद, इंद्रदेव मन्ना का कहना है कि मंडी में अभी आम का मौसम है. ज्यादातर आम मंडी में पिकअप वैन से आ रहे हैं. इस वजह से ज्यादा असर नहीं है. हालांकि, हड़ताल लंबी खींची, तो इसका असर पड़ सकता है. इस बात को व्यापारी भी स्वीकार रहे हैं. कारोबारियों की मानें, तो हड़ताल लंबी खींचने पर व्यापारिक वस्तुओं की आवक कमजोर पड़ने से कीमतें बढ़ सकती हैं. फिलहाल वर्तमान में ऐसी संभावना नहीं दिख रही है.
प्रतिदिन ट्रकों की आवक
जिंस सामान्य दिन हड़ताल
फल 16 से 18 10 से 12 ट्रक
अनाज और दाल 12 से 14 8 से 10 ट्रक
मसाला व किराना 18 से 20 12 से 14 ट्रक
खाद्य तेल 10 से 12 8 से10 ट्रक

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