पटना : आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी अंतिम जांच रिपोर्ट

काम के बदले अनाज योजना की राशि में गबन का मामला पटना : न्यायमूर्ति उदय सिन्हा न्यायिक जांच आयोग ने अपना अंतिम जांच प्रतिवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया है. रिपोर्ट चार वॉल्यूम और करीब 400 पन्नों की है. इसमें खाद्यान्न की राशि में गड़बड़ी से संबंधित सभी प्रकार के उत्तरों को शामिल किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2018 4:49 AM
काम के बदले अनाज योजना की राशि में गबन का मामला
पटना : न्यायमूर्ति उदय सिन्हा न्यायिक जांच आयोग ने अपना अंतिम जांच प्रतिवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया है. रिपोर्ट चार वॉल्यूम और करीब 400 पन्नों की है.
इसमें खाद्यान्न की राशि में गड़बड़ी से संबंधित सभी प्रकार के उत्तरों को शामिल किया गया है. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद 18 जनवरी 2016 को आयोग का गठन किया गया था.
आयोग का कार्यक्षेत्र संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना और काम के बदले अनाज योजना के तहत श्रमिकों को दिये जानेवाले अनाज में गड़बड़ी की जांच और दोषियों को चिह्नित करना था. 2005-06 से जब संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना समाप्त हुआ और मनरेगा लांच हुआ.
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना और काम के बदले अनाज योजना में मजदूरों को मजदूरी के मद में कुछ भाग अनाज के रूप में, जबकि कुछ राशि नकद भुगतान किया जाता था.
खाद्यान्न की राशि डीलरों के पास होती थी. जब योजना बंद हुई तो वह राशि पूरी तरह से वापस नहीं की गयी. डीलरों ने अपने पास रखे पैसे को पूरी तरह से जमा नहीं कराया. जब विभाग द्वारा इस सिलसिले में कार्रवाई शुरू की गयी तो हाईकोर्ट में कई लोगों ने मुकदमे किये. इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए इसकी जांच के लिए एक कमीशन बनाने का आदेश दिया था. कमीशन ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को एक अणे मार्ग जाकर सौंप दी.
इस आयोग में भारत के पूर्व उप महालेखाकार अरुण कुमार सिंह और भारत सरकार के पूर्व वित्त सचिव संजय कुमार सिंह को शामिल किया गया था. बिहार सरकार के पूर्व संयुक्त सचिव शशिभूषण वर्मा को इसका सचिव बनाया गया था. इस अवसर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी उपस्थित थे.

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