जदयू के योग कार्यक्रम में भाग नहीं लेने पर बोले सुशील मोदी, जरूरी नहीं कि सभी सार्वजनिक रूप से ही योग करे
पटना : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी के साथ जदयू की साझा सरकार होने के बावजूद योग दिवस में शामिल नहीं होने पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि यह जदयू के बारे में कोई सवाल नहीं है. जदयू के दर्जन भर से ज्यादा लोग […]
पटना : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी के साथ जदयू की साझा सरकार होने के बावजूद योग दिवस में शामिल नहीं होने पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि यह जदयू के बारे में कोई सवाल नहीं है. जदयू के दर्जन भर से ज्यादा लोग मौजूद हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राजद और जदयू के लोग योगाभ्यास नहीं करते हैं? जरूरी नहीं है कि हर कोई भाग लेने के लिए बाहर आ जाये.
It is not a question about JDU. I know more than dozen people present here who are from JDU. Don't people from RJD & JDU practice Yoga? It is not necessary that everyone comes out to participate: Bihar Dy CM Sushil Modi on reports of JDU not participating in Yoga day celebration pic.twitter.com/QSqYIQugqr
— ANI (@ANI) June 21, 2018
मालूम हो कि 21 जून को योग दिवस की परंपरा शुरू होने पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि था कि योग एक व्यक्तिगत नियम है. इसके लिए सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन का क्या मतलब है? हालांकि, तब वह एनडीए के साथ तो नहीं थे. बिहार में एनडीए के साथ साझा सरकार के रूप में योग दिवस पर जदयू का सार्वजनिक रूप से योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से दूरी लोगों को हैरान कर रही है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक, योग के आयोजन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. योग विश्व की प्राचीन विधाओं में से एक है. यह हमारी संस्कृति का करीब पांच हजार वर्षों से अभिन्न हिस्सा रहा है. स्वस्थ रहने के लिए हम सभी लोग घरों में यौगिक क्रिया करते रहे हैं. इसका एक दिवसीय आयोजन का मतलब समझ में नहीं आता है. इसे साल के 365 दिन करना चाहिए.