एडमिट कार्ड देकर अटेंडेंस शीट से किया गायब
सिमुलतला आवासीय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में 1243 अभ्यर्थी शामिल पटना : बिहार बोर्ड की ओर से रविवार को जमुई स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) की मुख्य प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया. परीक्षा शांतिपूर्ण व कदाचारमुक्त रहीं. लेकिन, इंटरमीडिएट परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी, मूल्यांकन केंद्र से मैट्रिक की कॉपियां गायब होने के […]
सिमुलतला आवासीय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में 1243 अभ्यर्थी शामिल
पटना : बिहार बोर्ड की ओर से रविवार को जमुई स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) की मुख्य प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया. परीक्षा शांतिपूर्ण व कदाचारमुक्त रहीं. लेकिन, इंटरमीडिएट परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी, मूल्यांकन केंद्र से मैट्रिक की कॉपियां गायब होने के बाद इस परीक्षा में भी बोर्ड की बड़ी गड़बड़ी प्रकाश में आयी है. अटेंडेंस शीट में नाम नहीं होने की बात कह दो छात्राओं (अभ्यर्थी) को परीक्षा कक्ष से निकाल दिया गया.
कटिहार से आयी छात्रा कविता कुमारी ने बताया कि वह ईबीसी केटेगरी से है. उसे बीसी केटेगरी बना दिया गया. इसी तरह गोपालगंज की पुष्पा कुमारी ने बताया कि एडमिट कार्ड में पहले तो मेल (पुरुष) बताया गया, फिर सुधार कराने पर फीमेल (महिला) किया गया. लेकिन, कविता कुमारी की ही तरह उसे भी अटेंडेंस शीट में नाम नहीं होने की बात कहते हुए परीक्षा कक्ष से निकाल दिया गया. हालांकि, बोर्ड ने इसे गड़बड़ी मानने से इन्कार किया है. कहा गया है कि दोनों छात्राएं प्रारंभिक परीक्षा में सफल नहीं थीं. भूलवश उन्हें एडमिट कार्ड दे दिया गया था.
कविता कुमारी को पीटी में मिले थे 83 अंक
कविता कुमारी के पिता अशोक कुमार ने बताया कि उनकी बेटी को पीटी (प्रारंभिक परीक्षा) में 83 अंक मिले हैं. ईबीसी केटेगरी का कट ऑफ 80 व बीसी का 85 अंक है. ईबीसी केटेगरी होने के मद्देनजर उनकी बेटी पीटी में सफल है. लेकिन, बोर्ड ने उसे बीसी मानते हुए डिसक्वालिफाई बता रहा है. साथ ही अटेंडेंस शीट में उसका नाम नहीं होने का हवाला देते हुए परीक्षा कक्ष से निकाल दिया गया.
डीपीसीएसएस (मिलर) इंटर स्कूल में दो अभ्यर्थी एडमिट कार्ड लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे, लेकिन अटेंडेंस शीट में उनका नाम दर्ज नहीं था. इस कारण उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया. इस संबंध में वस्तु स्थिति यह है कि गत 13 जून को बोर्ड द्वारा जारी प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट लिस्ट में इन दोनों अभ्यर्थियों का नाम था ही नहीं. इस कारण दोनों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया.
आनंद किशोर, अध्यक्ष, बिहार बोर्ड
दो केंद्रों पर दो पालियों में ली गयी प्रवेश परीक्षा
छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग बना था परीक्षा केंद्र
परीक्षा दो पालियों में सुबह 10:00 से दोपहर 12:30 बजे तथा दोपहर 2:00 से शाम 4:30 बजे तक हुई. परीक्षा के लिए राजधानी में छात्र व छात्राओं के लिए दो अलग-अलग परीक्षा केंद्र बनाये गये थे. जहां, 1267 में 1243 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए व 24 अनुपस्थित रहे. एसआरपीएस प्लस-टू स्कूल गर्दनीबाग में छात्रों के लिए केंद्र बनाया गया था, जहां 640 में से 626 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए तथा 14 अनुपस्थित रहे. इसी तरह डीपीसीएसएस (मिलर) इंटर स्कूल में छात्राओं का परीक्षा केंद्र था. इस केंद्र पर 627 में से 617 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुईं.
इस तरह था प्रश्नों का पैटर्न
– प्रश्नपत्र हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में थे
– मुख्य परीक्षा के दोनों पेपर 150-150 अंकों के थे
– पहली पाली में 100 अंकों के गणित में विषयनिष्ठ (सब्जेक्टिव) व 50 अंकों के बौद्धिक क्षमता में वस्तुनिष्ठ ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गये थे
– दूसरी पाली में परीक्षार्थी को 24 पृष्ठों की एक उत्तर पुस्तिका दी गयी थी, इसमें हिंदी-40, अंग्रेजी-40, विज्ञान-40 व सामाजिक विज्ञान-30 अंक यानी कुल 150 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गये थे
– परीक्षा में गलत उत्तरों पर निगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं
– ओएमआर शीट पर व्हाइटनर, ई-रेजर, ब्लेड, नेल आदि का प्रयोग वर्जित था
बोर्ड अध्यक्ष ने लिया जायजा
परीक्षा के दौरान बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दोनों केंद्रों पर जाकर परीक्षा का जायजा लिया. परीक्षार्थियों से उन्होंने प्रश्नपत्र के संबंध में जानकारी ली. उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र आसान था. आनंद किशोर ने केंद्र पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों व केंद्राधीक्षकों से भी परीक्षा के व्यवस्था की भी जानकारी ली.