ऑफलाइन का जमाना गया, फॉर्म से लेकर टेस्ट व नामांकन तक हुए ऑनलाइन

पटना : शैक्षणिक या रोजगार के क्षेत्र में ऑफलाइन या मैनुअल काम का जमाना अब लगभग जा चुका है. ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में हर जगह ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मेट्रो सिटी में इसे बहुत पहले ही शुरू कर दिया गया था. धीरे-धीरे अब यह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी पहुंच चुका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2018 5:19 AM

पटना : शैक्षणिक या रोजगार के क्षेत्र में ऑफलाइन या मैनुअल काम का जमाना अब लगभग जा चुका है. ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में हर जगह ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मेट्रो सिटी में इसे बहुत पहले ही शुरू कर दिया गया था. धीरे-धीरे अब यह देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक भी पहुंच चुका है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी ज्यादातर लोग मैनुअल काम करने के आदि हैं, लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद सारे शैक्षणिक संस्थानों के ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने के बाद अब वे भी ऑनलाइन प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं. यह अलग बात है कि इसके लिए उन्हें साइबर कैफे वालों की मदद लेनी पड़ती है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी तादाद में साइबर कैफे खुल गये हैं. स्मार्टफोन भी इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाएं हुईं ऑनलाइन
दूर-दराज के क्षेत्रों तक मिलने लगी सुविधा
ज्यादातर शैक्षणिक संस्थान बढ़ चुके हैं ऑनलाइन प्रक्रिया की तरफ
ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में फॉर्म भरने से लेकर फीस जमा करने तक की प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो गयी है. अपने राज्य की बात करें तो इस साल से दस विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना इस क्षेत्र में बड़ी बात मानी जा रही है. अब तक यहां मैनुअल तरीके से ऑफलाइन मोड में एडमिशन की प्रक्रिया होती थी. बिहार बोर्ड में भी अब ज्यादातर प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है. पटना विवि तो पिछले वर्ष से ही ऑनलाइन एडमिशन ले रहा है. हालांकि विवि के एंट्रेंस टेस्ट व परीक्षाएं अभी ऑफलाइन ही हैं.
ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाएं हो रही हैं ऑनलाइन
रोजगार के लिए ज्यादातर परीक्षाएं अब ऑनलाइन ही आयोजित हो रही हैं. ग्रुप डी की सेवा के लिए कुछ जगहों पर प्रतियोगी परीक्षाएं ऑफलाइन हो रही हैं. इसके अतिरिक्त रोजगार के लिए आयोजित होने वाली ज्यादातर परीक्षाएं ऑनलाइन ही हो रही हैं. जैसे एसएससी, रेलवे, पोस्टल, बैंकिंग आदि में फॉर्म से लेकर परीक्षाएं तक ऑनलाइन ही हो रही हैं. इसी तरह कैट, मैट, क्लैट, नीट, जेईई आदि में फॉर्म से लेकर परीक्षा तक ऑनलाइन हो रही है. कुछ परीक्षाओं में फॉर्म ऑनलाइन भरे जा रहे हैं, लेकिन एग्जाम ऑफलाइन हो रहा है. जैसे नेट, गेट, बीपीएससी, यूपीएससी आदि.
सहूलियत के साथ मुश्किलें भी
ऑनलाइन फॉर्म भरे जाने व परीक्षाएं ऑनलाइन लिये जाने से कई तरह की सहूलियतें हैं तो कई तरह की परेशानियां भी. जैसे ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को ऑनलाइन प्रक्रिया से यह फायदा हो रहा है कि उन्हें डाक से बीच में चिट्ठी गुम होने का डर नहीं रहता. तुरंत कंफर्म हो जाते हैं कि फॉर्म स्वीकृत हुआ या नहीं. उन्हें यूनिवर्सिटी-कॉलेज में फॉर्म के लिए लाइन में लगकर धक्के नहीं खाने पड़ रहे. लेकिन, दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली नहीं होने, खराब नेटवर्क, दूर-दराज में साइबर कैफे कम होने तथा कंप्यूटर का ज्ञान नहीं होने की वजह उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि गांवों से लेकर शहरों तक साइबर कैफे वालों की मनमर्जी चलती है.
ग्रामीण क्षेत्रों में कंप्यूटर के सही जानकार भी कम मिलते हैं और स्कूलों में कंप्यूटर पढ़ाने की व्यवस्था क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है. चूंकि अब सबकुछ ऑनलाइन ही हो रहा है तो उनकी भी मजबूरी है कि उन्हें इस धारा में आना पड़ रहा है. इस धारा में आना अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए समुचित व्यवस्था कौन करेगा यह भी एक सवाल है.

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