14 जिलों में बढ़ा और 24 में घट रहा बरसात का ट्रेंड, इन जिलों में शुक्रवार को आंधी, बारिश और वज्रपात गिरने की चेतावनी

पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि बिहार का ड्राई-जोन माने जाने वाले दक्षिणी बिहार में बारिश अधिक होने का ट्रेंड सामने आया है. विशेषज्ञ इस ट्रेंड से हैरत में हैं. पिछले तीन दशकों के आधिकारिक अध्ययन के मुताबिक दक्षिणी बिहार के अधिकतर जिलों में बारिश बढ़ी है. दूसरी तरफ, उत्तरी बिहार क्लाइमेट चेंज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2018 6:28 AM
पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि बिहार का ड्राई-जोन माने जाने वाले दक्षिणी बिहार में बारिश अधिक
होने का ट्रेंड सामने आया है. विशेषज्ञ इस ट्रेंड से हैरत में हैं. पिछले तीन दशकों के आधिकारिक अध्ययन के मुताबिक दक्षिणी बिहार के अधिकतर जिलों में बारिश बढ़ी है. दूसरी तरफ, उत्तरी बिहार क्लाइमेट चेंज के भंवर में बुरी तरह फंसता दिखाई दे रहा है, क्योंकि यहां बारिश लगातार कम हो रही है.
बात साफ है कि क्लाइमेट चेंज के चलते बिहार की मौसमी दशाएं करवट ले रही हैं. ऐसे में आगामी कुछ दशकों में उत्तरी बिहार और दक्षिणी बिहार की आबोहवा में बदलाव होना सुनिश्चित है. दरअसल उत्तरी बिहार में दक्षिणी बिहार की तुलना में ज्यादा बारिश हुआ करती है. बारिश का बदला हुआ पैटर्न अगले दशकों में न केवल पर्यावरण बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा. हालांकि ऐसा होने में अभी कई दशक लगेंगे.
चौंकाने वाले हो सकते हैं आंकड़े
बिहार में हो रहे जलवायु परिवर्तन के आंकड़े चौंकाने वाले हो सकते हैं. एजेंसियां अभी आंकड़ों को जाहिर करने में संकोच कर रही हैं. दरअसल विशेषज्ञ उसके विश्लेषण में लगे हैं. हालांकि सूत्र बताते हैं कि पिछले दो साल में पचास से सौ मिलीमीटर का अंतर आया है.
हालांकि तीस सालों के आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे तो बारिश घटने और बढ़ने का अंतर एक से ढाई मिलीमीटर में सिमट कर रह जायेगा. हालांकि उत्तरी बिहार की औसत बारिश अभी भी दक्षिण बिहार की तुलना में ज्यादा है. उत्तरी बिहार की औसत बारिश 1100 एमएम से 1400 एमएम के बीच है जबकि दक्षिणी बिहार की औसत बारिश 900 से 1000 मिलीमीटर के बीच है.
वे जिले जहां बरसात बढ़ी है: दक्षिणी बिहार के बक्सर, कैमूर, अरवल, जहानाबाद, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, लखीसराय और जमुई जिले हैं. उत्तरी बिहार के केवल तीन जिले मसलन पश्चिमी चंपारण, दक्षिणी चंपारण और पूर्णिया हैं, कुल 14 जिले हैं जहां बरसात बढ़ी है. इन जिलों के अलावा अन्य 24 जिलों में बरसात घटी है.
जलवायु बदलाव के चलते मॉनसून का पैटर्न और बरसात के वितरण में जबरदस्त असमानता आयी है. बिहार के परिप्रेक्ष्य में ड्राई जोन माने जाने वाले दक्षिण बिहार में बारिश का वितरण शिफ्ट हो रहा है. इस तरह का ट्रेंड सामने आया है. बारिश के बदलते ट्रेंड से उत्तरी बिहार को आंशिक नुकसान हो रहा है. जलवायु बदलाव के प्रति चौकन्ना रहने की जरूरत है.
प्रदेश के आठ जिलों में बारिश से मौसम हुआ खुशनुमा
पटना : प्रदेश के आठ जिलों में गुरुवार को बारिश के बाद तापमान में गिरावट आयी और मौसम खुशनुमा हो गया. तापमान में गिरावट आयी. मौसम विज्ञान विभाग ने पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया में शुक्रवार को आंधी, बारिश और वज्रपात गिरने की चेतावनी जारी की है. इसके साथ अन्य जिलों में भी बारिश की संभावना जतायी गयी है.
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, गुरुवार को प्रदेश में सबसे अधिक तापमान पटना और भागलपुर में दर्ज किया गया. इन दोनों शहरों का अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं गया का अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पूर्णिया का अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम 26.5 डिग्री सेल्सियस रहा.मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि शुक्रवार को पटना का अधिकतम तापमान 34 डिग्री जबकि न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहेगा.
गया का अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहेगा. भागलपुर का अधिकतम तापमान 35 जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री रहेगा. पूर्णिया का अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहेगा.

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