पटना : मिशन-2019 के लिए 12 जुलाई को गुरुमंत्र देंगे अमित शाह

पटना : भाजपा के मिशन-2019 के लिए गुरुमंत्र देने को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना आयेंगे. इसी दिन दिन वे दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे. दोनों नेताओं की मुलाकात पर एनडीए के सहयोगी दलों के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों की भी इस पर नजर है. चर्चा है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2018 7:35 AM
पटना : भाजपा के मिशन-2019 के लिए गुरुमंत्र देने को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना आयेंगे. इसी दिन दिन वे दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे. दोनों नेताओं की मुलाकात पर एनडीए के सहयोगी दलों के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों की भी इस पर नजर है. चर्चा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात में लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर सहमति बन सकती है.
साथ ही एक खाका तैयार हो सकता है. शाह चुनाव तैयारी टोली के साथ भी बैठक करेंगे. भाजपा अध्यक्ष का बिहार दौरा काफी लंबे समय से टल रहा था. पहले उनको 11 जुलाई को आना था, लेकिन माना जा रहा है कि 15वें वित्त आयोग के दौरे को लेकर उनके कार्यक्रम में फेरबदल किया गया है. शाह के दौरे को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने प्रदेश कार्यालय को पत्र भेजा है.
पत्र में उन एजेंडों की चर्चा की गयी है जिन पर राष्ट्रीय अध्यक्ष चर्चा करेंगे. पत्र में साफ कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह दौरा लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर है. शाह लोकसभा चुनाव प्रबंधन के साथ-साथ शक्ति केंद्र व बूथ प्रमुखों, राज्य की राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों, सामाजिक स्थिति, विपक्षी दलों की रणनीति और गठबंधन की संभावना और उसके प्रभाव पर चर्चा करेंगे. अमित शाह सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय मीडिया के साथ समन्वय पर भी चर्चा करेंगे.
ज्ञान भवन में होगी बैठक, करेंगे संबोधित
बताया जा रहा है कि अमित शाह राज्य के प्रमुख नेताओं और चुनाव समिति तथा कोर कमेटी के साथ भी बैठक करेंगे. बैठक में स्थिति का आकलन करेंगे और फीडबैक लेंगे.
इसके बाद ज्ञान भवन में बैठक को भी संबंधित करेंगे. इसी बैठक में वे मिशन-2019 के लिए गुरुमंत्र देंगे. सामाजिक आधार और गठबंधन पर पूरा फोकस रहेगा. शाह का यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि नागपुर में हुई संघ की बैठक और सूरज कुंड की चिंतन बैठक में बिहार और यूपी के लिए चिंता जतायी गयी थी. राज्यों के संगठन मंत्रियों से भी रिपोर्ट मांगी गयी है

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