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पटना : जल स्तर घटा, बिना ड्रेजर के नहीं चल पा रहे हैं मालवाहक पोत
पटना : गंगा में चल रहे मालवाहक पोतों के लिए बिना ड्रेजर (नदी के बेड में जमी सिल्ट या उथली रेत को हटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन) और रिवर ट्रेनिंग (पानी कम होने पर जहाज परिचालन के लिये नदी में रूट तलाशने और सुनिश्चित करने में मदद करने वाली टेक्निकल प्रैक्टिस ) […]
पटना : गंगा में चल रहे मालवाहक पोतों के लिए बिना ड्रेजर (नदी के बेड में जमी सिल्ट या उथली रेत को हटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन) और रिवर ट्रेनिंग (पानी कम होने पर जहाज परिचालन के लिये नदी में रूट तलाशने और सुनिश्चित करने में मदद करने वाली टेक्निकल प्रैक्टिस ) के चलना मुश्किल हो गया है.
ड्रेजर निर्माण और उसका आयात महंगा होने के कारण इसकी समुचित आपूर्ति जल्दी होना भी आसान नहीं दिख रहा है. दरअसल ड्रेजर काफी सीमित संख्या में हैं. फिलहाल जल स्तर घटने से गंगा का तल काफी उथला हो गया है. इसके चलते हल्दिया-इलाहाबाद अंतरदेशीय जलमार्ग खास तौर पर पटना से अप स्ट्रीम इलाहाबाद और डाउन स्ट्रीम में भागलपुर तक कई जगहों पर ड्रेजर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है.
कई जगह तल इतना ऊपर आ गया है कि इन ड्रेजरों को तीन-चार फुट गहरे गड्ढे खोदने पड़ रहे हैं. पटना शहर के निकट गंगा नदी का जल स्तर 41.1 मीटर है. यह पिछले कुछ वर्षों में सबसे कम बताया जा रहा है, जबकि इसके अप स्ट्रीम अर्थात बक्सर की तरफ इससे भी कम है. विशेषज्ञों के मुताबिक जलमार्गों के लिए सबसे बड़ी चुनौती नदियों के पर्यावरण में आ रहे बदलाव हैं. इस साल गर्मी में गंगा नदी में मालवाहक जहाजाें के परिचालन में काफी दिक्कत आयी.
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी लगातार नदी में भ्रमण कर जलमार्ग को चालू रखने में जुटे हैं. जहाजों के आवागमन में सबसे ज्यादा परेशानी बक्सर, साहेबगंज और भागलपुर के बीच होती है. इन जगहों पर नदी काफी उथली है. हाल ही में बक्सर के निकट रवींद्रनाथ टेगौर नामक एक माल वाहक पोत के फंसने की सूचना आयी थी. हालांकि विभाग की तरफ से पुष्टि नहीं हुई.
विशेष फैक्ट
– हल्दिया-इलाहाबाद जलमार्ग बिहार की अर्थव्यवस्था में सबसे संभावनाशील मार्ग है. अभी केवल गंगा में चार से पांच माल वाहक जहाज चलते हैं. इनकी मांग लगातार बढ़ भी रही है.
– इस जल मार्ग से खासतौर पर अनाज व दूसरी खाद्य सामग्री, सीमेंट आदि सामग्रियों की आपूर्ति की जा रही है.
विशेष बात यह है कि सबसे ज्यादा सामग्री पटना से दूसरी जगहों पर जाती है. इसके बाद भागलपुर से व्यापार होता है.
खासतौर पर इस रूट से स्टोन चिप्स की ढुलाई सबसे अधिक की जाती है.
जानकारी के मुताबिक इस मार्ग से अच्छे सीजन में रोजाना करीब एक हजार टन सामग्री की ढुलाई होती है.
– जानकारी के मुताबिक साहेबगंज टर्मिनल का प्रोजेक्टेड कार्गो 2.2 मिलियन टन सालाना है. इसको बढ़ा कर 2030 में 4.39 और वर्ष 2045 तक बढ़ा कर इसे 9 मिलियन टन करना है.
कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं, उन्हें विभाग दूर कर रहा है. नदी में हमेशा समुचित पानी बना रहे, इस दिशा में प्रयास की जरूरत है.
एके मिश्र, क्षेत्रीय निदेशक, अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण
हल्दिया-इलाहाबाद जल मार्ग : यह जल मार्ग हल्दिया से शुरू होकर हावड़ा, कोलकाता, भागलपुर, मुंगेर, पटना, गाजीपुर, वाराणसी होते हुए इलाहाबाद तक जाता है. इस जल मार्ग की लंबाई 1620 किलोमीटर है. यह देश का सबसे बड़ा व्यापारिक जलमार्ग है. इसे वाटरवे नंबर वन का दर्जा हासिल है.
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