मुझ पर तो महादेव और माता-पिता का आशीर्वाद है. एक ‘मिसाइल’ छोड़ते हैं और छा जाते हैं – तेज प्रताप यादव
बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव 2019 और 2020 में राजद की जीत को लेकर आश्वस्त हैं. वर्तमान समय को वह युद्धकाल के रूप में देख रहे हैं. वह पार्टी लाइन से 100 फीसदी सहमत नहीं हैं. हालांकि उनका अंदाज उनके अपने ही पसंद नहीं कर रहे हैं. डीएसएस और राजद छात्रसभा के क्षितिज को ढकने की कोशिश करने वाले राजद के चुनिंदा नेता तेज प्रताप के सीधे निशाने पर हैं. तेज प्रताप नेे प्रभात खबर पटना के राज्य ब्यूरो संवाददाता अनुज शर्मा से साथ बातचीत में ज्वलंत मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय दी.
बीते दिनों आपने पार्टी में बगावत कर दी थी.तेजस्वी तक को सफाई देनी पड़ी थी. पार्टी के किसी भी निर्णय की जानकारी देने के लिए जब मीडिया को बुलाया जाता है तो आप नजर नहीं आते. क्या अभी भी सबकुछ ठीक नहीं है.
-मशीन के खराब पुर्जे को ठीक करने के दौरान जो आवाज आती है क्या वह बगावत होती है? मुझे कुर्सी और माइक की राजनीति पसंद नहीं है. पार्टी में कुछ लोग डबल गेम कर रहे हैं. मेहनत करने वालों को आगे बढ़ने नहीं दे रहे. इन लोगों को डराना था कि वह जो कर रहे हैं पता है. मेरा पूरा जोर है कि जो पार्टी के लिए जितना पसीना बहाये वही बड़ा नेता कहलाये. मेरे साथ वही चल पायेगा जो खेत और कीचड़ में काम करने वालों के बीच जाने से हिचकेगा नहीं .
पार्टी में आपकी भूमिका क्या है. महागठबंधन को लेकर आपका क्या कहना है. जीत के लिए आप क्या योगदान दे रहे हैं.
-पार्टी मेरे लिए पेड़ है. मुझे तो इसको सींचना होगा. जो खराब पत्ते और सूखी डालियों को छांटना मेरा काम है. समय-समय पर यदि ऐसा नहीं करूंगा तो पेड़ को नुकसान होगा. राजद महागठबंधन में रहेगा या नहीं . उसके साथ कैसा व्यवहार करना है यह पार्टी के सोचने का काम है. गठबंधन है तो गांठ खुलेंगी भी और बंद भी होंगी. मेरा काम है पार्टी के लिए नींव की ईंट बनना. इसके लिए छात्र सभा-डीएसएस को मजबूत किया जा रहा है.
लोगों को डर है कि आप सत्ता में आये तो अपराध बढ़ जायेगा. इस छवि को कैसे बदलेंगे.
-यह तो विरोधी अफवाह उड़ा रहे हैं. बहुत जल्दी गरीब- गुरबा कुर्सी पर बैठेगा. जब यूथ की सरकार आयेगी तो अपने तरीके से काम करेगी. विश्वास कीजिये अपराध मुक्त बिहार होगा.
बिहार में करीब बीस महीने आप स्वास्थ्य मंत्री रहे. मंत्री बनाये जाने पर आपकी शिक्षा को लेकर लोगों ने सवाल खड़े किये थे. इसे आप किस रूप में देखते हैं.
-मैंने राज्य के लिए पांच मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दिलवायी.इसमें एक मेडिकल काॅलेज महुआ में भी स्थापित होना था. नीतीश सरकार ने मेरी योजनाओं को पूरा नहीं होने दिया. स्वास्थ्य मंत्री बनने की बड़ी कीमत चुकाई है मैंने. मुझे फ्लाइंग कोर्स छोड़ना पड़ा. मंत्री बनने में कोई लाभ नहीं है.
आप पिक्चर बना रहे हैं. रुद्रा द अवतार में आपकी भूमिका क्या है? मूवी की कहानी किस पर आधारित है.
-ये ही आपको बता देंगे तो संस्पेंस ही खत्म हो जायेगा. पिक्चर देखियेगा वह भी परिवार के साथ. पिक्चर में साफ दिख जायेगा कि आम लोगों का मनोरंजन और उनकी बात कहने के लिये अश्लीलता परोसने की जरूरत नहीं है. मेरी पिक्चर में एक भी अश्लील सीन नहीं है. पिक्चर कब रिलीज होगी इसका 10 दिन में खुलासा करेंगे.
सवाल- नेता होकर अभिनेता बनने का विचार क्यों आया. क्या दोनों भूमिकाएं एक साथ निभा सकेंगे? क्या यह प्रचार का नया तरीका है.
उत्तर . मैं जनता के बीच का आदमी हूं. राजनीति हो या सिनेमा जनता की बात करेंगे तो दिक्कत क्यों आयेगी. लालू जी ने भी तो कई पिक्चरों में काम किया है. वह तो अपने काॅलेज के दिनों में ही पिक्चर में काम कर चुके हैं. वह नेता जनता का नेता नहीं होता जिसे प्रचार के लिए पीआरओ या पीआर कंपनी की जरूरत पड़े . मुझ पर तो महादेव और माता-पिता का आशीर्वाद है. एक ‘ मिसाइल ‘ छोड़ते हैं और छा जाते हैं.